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Meteorite : अंतरिक्ष से फ्रांस पर गिरी मुसीबत, रात में हो गया दिन जैसा नजारा

पेरिस: रात में अगर अचानक दिन जैसी रोशनी हो जाए तो वह किसी मुसीबत का संकेत ही मानी जाती है। फ्रांस के ऊपर से सोमवार की सुबह ऐसी ही एक बड़ी मुसीबत गुजरी है। उत्तरी फ्रांस के आसमान में रात को एक एस्टेरॉयड देखने को मिला। इसके कारण रात में दिन जैसा नजारा हो गया। कई लोगों ने इस गिरते हुए उल्कापिंड का वीडियो बना लिया। इस उल्कापिंड के गिरने की संभावना पहले ही जता दी गई थी। अंतर्राष्ट्रीय उल्का संगठन के अनुसार उल्कापिंड का नाम Sar2667 (CX1) है।

अंतर्राष्ट्रीय उल्का संगठन ने इस उल्कापिंड के गिरने की पुष्टि की है। ट्विटर पर कहा गया कि, ’13 फरवरी को 2 बजकर 59 मिनट (भारतीय समय 8.29 am) पर धरती के वायुमंडल में CX1 दाखिल हुआ।’ उल्का संगठन ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, ‘चंद्रमा के करीब एक बेहद चमकदार रोशनी देखी गई। उल्कापिंड अपने संभावित समय पर ही आग का गोला बनकर गिरा है। दर्जनों लोगों ने इसे देखा है।’ इस उल्कापिंड के आने की भविष्यवाणी पहले ही कर दी गई थी। यह एक मीटर के व्यास का था, जो धरती के लिए खतरा नहीं था। लेकिन जब यह लोगों के ऊपर से गुजरा तो उनमें दहशत पैदा हो गई।

फ्रांस में गिरा लेकिन इंग्लैंड तक गई रोशनी!

यह उल्कापिंड फ्रांस के रूएन में गिरा है। लेकिन कई रिपोर्ट्स का दावा है कि बेल्जियम, नीदरलैंड, उत्तरी फ्रांस और दक्षिणी इंग्लैंड में भी यह दिखा है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने इसके लिए पहले ही वार्निंग दे दी थी। पृथ्वी के वायुमंडल में आते ही यह उल्कापिंड टूट कर बिखरने लगा। देखते ही देखते ऐसा लग रहा था जैसे आसमान से कोई आग का गोला गिर रहा हो। इसे लेकर पहले ही वॉर्निंग दी गई थी, जिसके कारण कई लोग अपना कैमरा लेकर तैयार थे। लोगों ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जो देखते ही देखते वायरल हो गया।

सातवां उल्कापिंड जो गिरने से पहले पता चला

यह उल्कापिंड खगोलविदों के लिए भी महत्वपूर्ण था। ऐसा इसलिए क्योंकि यह 7वां उल्कापिंड है, जिसके बारे में पृथ्वी पर टकराने से पहले ही पता चल गया हो। यह दिखाता है कि उल्कापिंड का पता लगाने की क्षमताओं में विकास हुआ है। पिछली बार 19 नवंबर 2022 को कनाडा के टोरंटो में उल्कापिंड के गिरने से ठीक चार घंटे पहले बता दिया गया था। डायनासोर का खात्मा पृथ्वी पर उल्कापिंड की टक्कर से हुआ था। इंसान नहीं चाहते कि ऐसा उनके साथ हो, इसलिए वह उल्कापिंड का पता लगाने और उनसे बचने के तरीकों पर शोध कर रहे हैं।

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