रायपुर : छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक के ग्राम पलारी में नियम विरुद्ध उसना राइस मिल निर्माण के लिए अनुमति दिए जाने के मामले में क्षेत्रीय विधायक संगीता सिन्हा ने सदन में राइस मिल को बंद कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है। विधायक ने एनओसी सहित डायवर्सन के दस्तावेजों को फर्जी बताया है। जांच की कॉपी पटल पर भी रखा है। जिसके बाद मंत्री लखन लाल देवांगन ने संगीता से कहा कि आपकी उपस्थिति में नाप करा देंगे।
संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा ने सदन में कहा कि ग्राम पलारी में बिदामी फूड्स खसरा नंबर 181/5 में उसना राइस मिल का निर्माण कराया गया है। जबकि इस खसरा नंबर के लिए कोई एनओसी ही जारी नहीं की गई है। पंचायत राजस्व विभाग, उद्योग एवं पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने मिली भगत करके नियम विरुद्ध बसाहट क्षेत्र में राइस मिल निर्माण करने में सहयोग प्रदान किया है।
उक्त उसना मिल से होने वाली स्वास्थ्यगत समस्या को दृष्टिगत रखते हुए ग्रामीण स्कूली बच्चों, शाला प्रबंधन विकास समिति के सदस्यों द्वारा कलेक्टर जिला बालोद एवं अनुभागीय अधिकारी राजस्व गुरूर को उक्त राईस मिल निर्माण पर रोक लगाने की मांग करते हुए संयुक्त हस्ताक्षरित आवेदन पत्र दिया गया। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सहयोग नहीं मिलने पर ग्रामीणों, स्कूली बच्चों एवं आसपास के लोगों के द्वारा 25 सितंबर 2023 को धरना, प्रदर्शन करते हुए चक्का जाम भी किया गया था।
उक्त राइस मिल निर्माण का शुरू से ही विरोध करने के बाद भी शासन, प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण वे आक्रोशित हैं एवं आगे उग्र आंदोलन की तैयारी में हैं। संगीता ने कहा को विषय की गंभीरता, जनभावना एवं लौक हित को दृष्टिगत रखते हुए इस मामले पर उचित कार्रवाई की जाना न्यायसंगत होगा।
फर्जी तरीके से दिया गया एनओसी
संगीता सिन्हा ने सदन में कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पलारी में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के पास उसना राईस मिल के निर्माण का ग्रामवासियों द्वारा प्रारंभ से ही विरोध किया जा रहा है। माध्यमिक शाला से इसकी दूरी मात्र 78 मीटर की, बसाहट से से इसकी दूरी मात्र 19 मीटर है। इस उसना राइस मिल के आसपास शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सेवा सहकारी समिति कार्यालय का भवन, जिला सहकारी बैंक एवं पटवारी कार्यालय व बसाहट क्षेत्र है।
जिससे आने वाले समय में स्कूली बच्चों एवं ग्रामीणों को राईस मिल से निकलने वाले जहरीले धुंआ, बदबूदार गंदा पानी, मिल और गाडियों के शोर से, मिल से निकलने वाली इस्ट से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। जिससे ग्रामीणों में रोष है।
सदन को अवगत कराते हुए संगीता ने कहा को ग्राम पंचायत पलारी के द्वारा 9 अक्टूबर 2021 को पंचायत की बैठक में पूर्व में दिए गए एनओसी को निरस्त किए जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था। लेकिन सरपंच सचिव द्वारा मनमानी करते हुए फर्जी तरीके से एनओसी जारी किया गया। बिदामी फूड्स को उसना राईस मिल के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया। इससे ग्रामीणों में बहुत ज्यादा रोष है।
ग्रामीणों में रोष व्याप्त नही- उद्योग मंत्री
संगीता सिन्हा द्वारा उठाये गए प्रश्न को सही नही बताते हुए उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि ग्राम पलारी में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गुरुर के प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार अनापत्ति प्रमाण-पत्र दे दिया गया। प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार संजारी-बालोद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पलारी स्थित खसरा क्रमांक 181/5 में नवनिर्मित उसना राईस मिल बसाहट से लगभग 700 मीटर एवं माध्यमिक स्कूल से लगभग 130 मीटर दूरी पर स्थित है।
उक्त राइस मिल निर्माण के लिए संबंधित पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा किसी प्रकार का फर्जी प्रतिवेदन नहीं दिया गया है। वस्तुतः ग्राम पंचायत पलारी के द्वारा विधिवत पंचायत का प्रस्ताव 25 सितंबर 2021 को पारित कर अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया है एवं इसी के आधार पर संबंधित राईस मिल द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय पर्यावरण संरक्षण मंडल, भिलाई, जिला-दुर्ग से सम्मति प्रमाण पत्र 1 फरवरी 2023 लिया गया है।
मंत्री लखन लाल देवांगन ने आगे बताया कि यह कथन सही है कि राईस मिल से फैलने वाले विभिन्न प्रदूषणों के कारण ग्रामीणों, पालकों एवं स्कूली बच्चों द्वारा शुरू से ही यहां पर राईस मिल निर्माण किये जाने का विरोध किया गया था एवं ग्रामीणों के द्वारा जिला कार्यालय बालोद में शिकायत कर निर्माण रोकने की मांग भी कर चुके हैं तथा विरोधस्वरूप धरना प्रदर्शन एवं चक्काजाम भी इनके द्वारा किया गया।
किन्तु ग्रामीणों के द्वारा निर्माण रोकने की मांग तथा विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन एवं चक्काजाम करने पर प्रदर्शनकारियों की उपस्थिति में 25 सितंबर 2023 को तहसीलदार गुरूर, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी के द्वारा कार्यवाही करते हुए राईस मिल से स्कूल एवं आबादी से दूरी नाप कर बतायी गई, जिससे प्रदर्शनकारी संतुष्ट हुए। अतः उक्त राईस मिल के निर्माण होने से ग्रामीणों एवं क्षेत्रवासियों में आक्रोश व्याप्त नहीं है।