“बसंत पंचमी” विशेष : 70 भाषा- बोलियों की पुस्तक आदि संकलित है राजेन्द्र ओझा के पास

रायपुर : शहर के राजेन्द्र ओझा  पिछले लगभग दो वर्ष से देश के प्रायः हर प्रदेश की भाषा / बोलियों की पुस्तकें आदि संकलित कर रहे हैं एवं अब तक लगभग 70 भाषा / बोलियों की पुस्तकें आदि उनके पास एकत्रित हो चुकी है।

छत्तीसगढ़ की छत्तीसगढ़ी, सरगूजिहा, गोंडी, हल्बी, भतरी के अतिरिक्त आपके पास बिहार की अंगिका, बज्जिका, झारखंड की कुड़ुख,  कुड़माली, मुण्डारी, हो, उत्तराखंड की कुमांउनी, रवाल्टी, सिक्किम की लेप्चा, लिम्बु, त्रिपुरा की कोकबोरोक, हिमाचल की महासुबी,  बघाटी, कांगडी, मध्य प्रदेश की मालवी, निमाड़ी सहित खांसी,  मैथिली, अवधी,  भोजपुरी, बृज, असमिया, भूटिया, मिजोउ, मराठी, गुजराती, कच्छी, आदि भाषा / बोलियों की पुस्तकें संकलित है। यह भी उल्लेखनीय है कि राजेन्द्र ओझा जी इस संकलन में वृद्धि हेतु लगातार प्रयासरत है।

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