कब है भीष्म अष्टमी? नोट करें सही तिथि और शुभ मुहूर्त

महाभारत काल में कई ऐसी घटनाएं घटी, जिसने व्यक्ति को हैरान कर दिया। ऐसी ही एक घटना है धनुर्धारी अर्जुन द्वारा भीष्म पितामह को बाणों की शय्या पर लिटा देने की। पितामह भीष्म को अपनी इच्छानुसार प्राण त्यागने का वरदान प्राप्त था, इसलिए कई बाणों से घायल होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी इच्छानुसार प्राण त्यागे थे। इस दिन को भीष्म अष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

भीष्म अष्टमी शुभ मुहूर्त

अष्टमी तिथि 16 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर प्रारंभ होगी। यह 17 फरवरी को सुबह 8:15 बजे समाप्त होगी। ऐसे में भीष्म अष्टमी का पर्व 16 फरवरी, शुक्रवार को मनाया जाएगा।

भीष्म अष्टमी का महत्व

भीष्म अष्टमी का पर्व भीष्म पितामह की तर्पण तिथि पर मनाया जाता है। भीष्म पितामह ने ब्रह्मचारी जीवन जीने का प्रण लिया था। उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार मृत्यु का समय चुनने का भी वरदान मिला। भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्यागने के लिए माघ शुक्ल अष्टमी को चुना, क्योंकि उस समय सूर्य देव उत्तरायण की ओर बढ़ने लगे थे। हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह समय शुभ माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि जो भक्त भीष्म अष्टमी के दिन व्रत रखता है, उसे संतान प्राप्ति होती है। इस तिथि पर पितरों को तर्पण और दान देने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही भीष्म अष्टमी के दिन जो व्यक्ति पितामह भीष्म के निमित्त जल तर्पण करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

This will close in 20 seconds