कुवैत में रहने वाले भारतीयों के लिए बुरी खबर, सरकार ने परिवार के सदस्यों के लिए बदले वीजा कानून
कुवैत सिटी: कुवैत सरकार ने उसके देश में काम करने वाले दूसरे देशों के लोगों के लिए आश्रित वीजा नियमों को कड़ा कर दिया है। कुवैत ने शुक्रवार को आश्रित वीजा के लिए आवेदन प्रक्रिया में ये महत्वपूर्ण संशोधन पेश किया, जो रविवार से प्रभावी हो गया है। आंतरिक मंत्रालय की ओर से घोषित नए नियमों के तहत अब परिवार को बुलाने के इच्छुक प्रवासियों को ज्यादा वेतन और दूसरी चीजों की जरूरत होगी। रविवार से प्रभावी नए रेगुलेशन के हिसाब से आश्रित वीजा की पात्रता के लिए वेतन सीमा 800 कुवैती दीनार तक बढ़ा दी गई है। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आवेदकों के पास अपने आश्रितों या परिवार का पोषण करने के लिए पर्याप्त धन हो।
गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, नए नियमों में प्रवासियों को विश्वविद्यालय की डिग्री रखने की भी आवश्यकता होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि कुवैत में उनका व्यावसायिक क्षेत्र उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप हो। कुवैत में काफी बड़ी संख्या में भारतीय भी काम करते हैं, ऐसे में भारतीयों के लिए भी ये नए नियम टेंशन बढ़ाने वाले हो सकते हैं। कुवैत के इन नए नियमों को देश में बीते कुछ समय से विदेशियों की जगह स्थानीयों को रोजगार देने की बढ़ती मांग के तहत भी देखा जा रहा है। कुवैत की आबादी में विदेशियों की बड़ी संख्या है, इसको लेकर स्थानीय लोग कुछ समय से कई तरह के सवाल कर रहे हैं।
अवैध प्रवासियों पर भी सख्त हुआ कुवैत
कुवैती सरकार ने हाल के दिनों में वीजा नियमों और प्रवासियों के देश में प्रवेश और रहने को सख्त कर दिया है। 21 जनवरी को कुवैती सरकार ने जुर्माना-माफी योजना के अल्पकालिक आदेश को रोकने के बाद अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने का निर्णय लिया है। एक सुरक्षा सूत्र के हवाले से कहा गया है कि आंतरिक मंत्रालय रेजीडेंसी नियमों का उल्लंघन करने वालों को देश से निर्वासित करने की अपनी योजना पर आगे बढ़ रहा है, जैसा कि पिछली अवधि में हुआ था। कुवैत ने गैर कानूनी तरीके से रह रहे करीब एक लाख लोगों को वापस भेजने का फैसला लिया है। कुवैती अधिकारियों ने साल 2020 से पहले देश में आने वाले अवैध प्रवासियों को विशिष्ट जुर्माना भरने के बदले में अपनी स्थिति को फिर से समायोजित करने की अनुमति देने वाले अल्पकालिक डिक्री को रोक दिया है। देश में अवैध रूप से रह रहे लगभग 1,10,000 विदेशियों को इस व्यवस्था से लाभ होना था। नए नियमों के तहत अब इन लोगों को कुवैत छोड़ना पड़ेगा।