सनातन धर्म में मकर संक्रांति का अपना महत्व है। सूर्य के मकर राशि में गोचर करने पर इस त्योहार को मनाया जाता है। हिंदू धर्म में साल का सबसे पहला त्योहार मकर संक्रांति है। मकर संक्रांति के बाद दिन लंबे होना शुरू हो जाते हैं। 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी ने विस्तार से बताया है कि मकर संक्रांति के दिन क्या करें और क्या न करें।
मकर संक्रांति के दिन करें ये काम
मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव की विशेष तौर पर पूजा करनी चाहिए।
मकर संक्रांति के त्योहार पर सुबह उठकर नहा लें, जिससे स्वच्छ हो जाएंगे। उसके बाद सूर्य देव की पूजा कर जल चढ़ाएं।
मकर संक्रांति पर व्रत रखने से लाभ होता है।
आपकी कुंडली में सूर्य का दोष है, तो इस दिन पीले वस्त्र पहनकर सूर्य की पूजा करें।
मकर संक्रांति पर लाभ पाने के लिए गंगा जी का स्नान भी कर सकते हैं।
मकर संक्रांति पर सूर्यदेव की पूजा के बाद तिल का लड्डू दें।
न करें ये काम
मकर संक्रांति के दिन शराब या मांसाहार का सेवन बिल्कुल भी न करें।
मकर संक्रांति के दिन किसी के भी मन को ठेस न पहुंचाएं।
मकर संक्रांति के दिन नकारात्मक न सोचें।
मकर संक्रांति के दिन किसी को दान देने से मना न करें।
मकर संक्रांति के दिन स्नान से पहले भोजन न करें।
इन मंत्रों का जाप
मकर संक्रांति के दिन अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आदित्यहृदय स्तोत्र का जाप करें। इस मंत्र का 21 बार जाप करें।
‘ऊँ हृां हृीं सः सूर्याय नमः’ और ‘ऊँ घृणिः सूर्य आदिव्योम’ ।
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।
ॐ सूर्याय नम: ।
ॐ घृणि सूर्याय नम: ।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं