‘INDIA प्रधानमंत्री कैंडिडेट घोषित न भी करे तो चिंता नहीं’; गठबंधन पर शरद पवार का बड़ा बयान

मुंबई  : वयोवृद्ध राजनेता शरद पवार ने विपक्षी दलों के गठबंधन- इंडिया ब्लॉक के पीएम उम्मीदवार पर बरकरार सस्पेंस के मुद्दे पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई चेहरा पेश न भी किया जाए तो फर्क नहीं पड़ेगा।’ पवार ने कहा कि अगर कोई चेहरा सामने नहीं रखा जाए है तो कोई परिणाम नहीं निकलता, ऐसी धारणा सही नहीं है। उन्होंने 1977 के आम चुनाव के बाद मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री बनने का भी जिक्र किया।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री रह चुके शरद पवार ने कहा, अगर 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों की तरफ से प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित न किया जाए तो इसका कोई खामियाजा नहीं भुगतना होगा। 1977 के चुनाव को याद करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष ने कहा, “1977 के चुनावों में, पीएम के लिए कोई चेहरा पेश नहीं किया गया था। बाद में, मोराराजी देसाई प्रधानमंत्री चुने गए थे। चुनाव से पहले और देसाई के नाम पर कोई चर्चा नहीं हो रही थी।

उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल को चुनौती देने के लिए एक नई पार्टी अस्तित्व में आई है। ऐसे में कोई चेहरा सामने नहीं भी रखा जाए तो कोई  नुकसान नहीं होगा। पवार ने कहा कि अगर जनता बदलाव के मूड में हैं, तो मतदाता बदलाव लाने के पक्ष में ही अपना फैसला सुनाएंगे।

बता दें कि मोरारजी देसाई भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। देसाई दो साल से कुछ अधिक समय तक (856 दिनों) पीएम पद पर रहे। उन्होंने 1977-79 के दौरान देश के पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला। 1975 के आपातकाल के बाद जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार का नेतृत्व करने वाले मोरार जी देसाई कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे।

दरअसल, जैसे-जैसे 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, भारत के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण फेरबदल हो रहा है। इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) में शामिल दलों का मानना है कि उनका गठबंधन भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को कड़ी चुनौती देगा। हाल ही में हुई इंडिया ब्लॉक की चौथी बैठक में पीएम पद के चेहरे के रूप में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्री अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम सामने आया था। गठबंधन में शामिल दो मुख्यमंत्रियों -ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया था।

गठबंधन पर नजरें बनाकर रखने वाले समीक्षकों और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने खरगे के नाम का विरोध किया था। खरगे के बेटे प्रियांक ने मीडिया से कहा, अच्छा होगा अगर उनके पिता इंडिया ब्लॉक की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनें। हालांकि, सपने देखने से पहले व्यावहारिक चुनौतियों का सामना करने की जरूरत है।

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