पान के पत्ते को दिन के अनुसार देवी-देवताओं को चढ़ाएं, धन की हो सकती है बारिश

हिंदू धर्म में पान के पत्ते का बड़ा महत्व होता है। पान के पत्ते उपयोग मांगलिक कार्यों में किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि पूजा पाठ के दौरान पान के पत्ते का उपयोग करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

ज्योतिष उपायों के लिए पान के पत्ते का उपयोग कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में दिन के हिसाब से देवी-देवताओं को पान के पत्ते चढ़ाने चाहिए। ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी ने पान के पत्ते के बारे में विस्तार बताया है।

सोमवार के दिन ऐसे चढ़ाएं पान के पत्ते

सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन उनको बेलपत्र के साथ पान का पत्त भी चढ़ाना चाहिए। इस उपाय को करने से जीवन में खुशियां आएंगी। आपके रुके हुए काम बन जाएंगे।

मंगलवार के दिन ऐसे चढ़ाएं पान के पत्ते

मंगलवार का दिन हनुमान जी का माना जाता है। ऐसे में पान के पत्ते पर नारंगी सिंदूर रखकर उनको चढ़ा दें। इस उपाय से बजरंगबलि आप पर खुश रहेंगे और आपको उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा।

बुधवार के दिन ऐसे चढ़ाएं पान के पत्ते

बुधवार का दिन भगवान गणेश का माना जाता है। ऐसे में कसैरी पान के पत्ते पर रखकर उनको अर्पित कर दें। इससे आपको जीवन की सभी समस्याओं छुटकारा मिलेगा।

गुरुवार के दिन ऐसे चढ़ाएं पान के पत्ते

गुरुवार के दिन भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो पान के पत्ते का उपयोग करें। आप पान के पत्ते पर हल्दी का लेप लगाकार माला बना दें। उस माला को भगवान विष्णु को अर्पित करें। ऐसा करने से आपको कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।

शुक्रवार के दिन ऐसे चढ़ाएं पान के पत्ते

शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी का माना जाता है। इस दिन पान के पत्ते को लेकर उनको चरणों पर चढ़ा दें। ऐसा करने भर से आपकी हर आर्थिक समस्या दूर हो जाती है।

शनिवार के दिन ऐसे चढ़ाएं पान के पत्ते

शनिवार का दिन शनि देव का होता है। आप अगर शनिदोष से पीड़ित हैं, तो पान के पत्ते पर काले तिल को रखें और सरसों का तेल डालकर उन पर चढ़ा दें। ऐसा करने से आपके जीवन की समस्याएं दूर हो सकती हैं।

रविवार के दिन ऐसे चढ़ाएं पान के पत्ते

रविवार का दिन सूर्यदेव का माना जाता है। सूर्यदेव पर पान का पत्ता चढ़ाने से रोग दोष दूर होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button