मुंबई : विधायकों के अयोग्यता मामले पर बयानबाजी तेज हो गई है। इसी बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अयोग्य नहीं होंगे। अगर वह अयोग्य हो भी जाते हैं, तो हम उन्हें विधान परिषद के लिए निर्वाचित कराएंगे और वह मुख्यमंत्री पद बरकरार रखेंगे। अगला चुनाव भी उनके ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थित कई विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर याचिकाओं पर निर्णय लेने में देरी पर राज्य विधानसभा अध्यक्ष को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि स्पीकर शीर्ष अदालत के आदेशों को खारिज नहीं कर सकते हैं। शिंदे गुट द्वारा भी उद्धव के समर्थित सांसदों के खिलाफ इसी तरह की अयोग्यता याचिकाएं दायर की गई हैं।
18 सितंबर को शीर्ष अदालत ने स्पीकर को शिंदे और उनके समर्थित शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर फैसले के लिए समय-सीमा बताने का निर्देश दिया, जिन्होंने जून 2022 में नई सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया था। बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्तूबर को राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को पार्टी में विभाजन के बाद एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा दायर याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए समय-सीमा देने को कहा था।
उच्चतम न्यायालय सोमवार को शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी के शरद पवार पक्ष द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है, जिसमें कुछ विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द से जल्द निर्णय लेने के लिए नार्वेकर को निर्देश देने की मांग की गई है।