दुर्ग| दुर्ग शहर के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड के मामले में 4 साल बाद सोमवार को न्यायालय का फैसला आया है, गंजपारा निवासी समाजसेवी रावलमल जैन व उनकी पत्नी सुरजी देवी की हत्या के मुख्य अभियुक्त एवं उनके पुत्र संदीप जैन को विशेष न्यायाधीश शैलेश तिवारी ने माँ व पिता की हत्या के दोनों मामलों में अलग-अलग फांसी की सजा सुनाई है इसमें सहअभियुक्त रहे भगतसिंह गुरुदत्ता व शैलेन्द्र सागर को आर्म्स एक्ट के तहत पांच-पांच साल की सजा सुनाई है|
जानकारी के मुताबिक 1 जनवरी 2018 को संदीप जैन ने अपने माता-पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी, पुलिस ने इस मामले में संदीप के विरुद्ध धारा 302 व 34 के तहत अपरध पंजीबद्ध कर घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया था इसके बाद से संदीप जैन दुर्ग जेल में बंद है| इस मामले की सुनवाई 4 साल तक स्थानीय अदालत में चलती रही उसके बाद सोमवार को इसका फैलसा आया है|
गौरतलब है कि एक जनवरी 2018 को गंजपारा निवासी नगपुरा तीर्थ के मैनेजिग ट्रस्टी रावलमल जैन व उसकी पत्नी सुरजा देवी की गोली मारकर हत्या की गई थी, सुबह घटना की जानकारी आरोपी संदीप जैन के भांजे सौरभ ने सिटी कोतवाली पुलिस को दी| इसके बाद पुलिस ने गंजपारा स्थित जैन निवास से शव बरामद किया और संदीप जैन को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया| पुलिस ने जिस पिस्टल से हत्या हुई थी उसे संदीप का बताया था, पिस्टल व बुलेट को घर के पीछे खड़े एक मालवाहक वाहन के डाले से बरामद किया था| संदीप जैन ने इस हत्याकांड में कारतूस शैलेन्द्र सिंह सागर और भगत सिंह गुरुदत्ता ने सप्लाई की थी इस मामले में जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश शैलेश तिवारी की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी|