एलियन की आवाज क्‍यों सुनना चाहते हैं वैज्ञानिक, अंतरिक्ष में माइक्रोफोन लगाने की है तैयारी

वॉशिंगटन: अमेरिकी अतंरिक्ष एजेंसी नासा अब स्पेस में माइक्रोफोन लगाने की तैयारी कर रही है। इसका मकसद अंतरिक्ष में पैदा होने वाली छोटी से छोटी आवाज को सुनना है। दरअसल, वैज्ञानिकों को लगता है कि अंतरिक्ष में पृथ्वी के अलावा भी कहीं पर जीवन हो सकता है। ऐसे में एक अंतरिक्ष में माइक्रोफोन से कुछ ऐसी आवाजों को सुना जा सकता है, जो शायद धरती तक न पहुंच पाए। नासा का मानना है कि उसके पर्सिवरेंस मार्स रोवर पर लगे छोटे माइक्रोफोन का उपयोग इंजीनियरों और वैज्ञानिकों दोनों के लिए अविश्वसनीय रूप से फायदेमंद साबित हुआ है। सेंसर हवा के झोंकों की पहचान कर सकते हैं और यहां तक कि रोवर के उपकरणों से पैदा हुई लेजर पल्स से बनी स्टैकाटो पंपिंग ध्वनियों को भी सुन सकते हैं।

इनजेनिटी मार्स हेलीकॉप्टर की आवाज की रिकॉर्ड

इसी तरह, इनजेनिटी मार्स हेलीकॉप्टर के घूमते ब्लेडों को इन माइक्रोफोनों ने रिकॉर्ड किया है। मार्स के जेजेरो क्रेटर के भीतर घूमते समय इन उपकरणों ने पर्सिवेरेंस पर जो मूल्यवान वैज्ञानिक योगदान दिया है, उसके आधार पर, अब ग्रहों की और ज्यादा खोजबीन के लिए माइक्रोफोन पर वॉल्यूम बढ़ाने का समय आ गया है। टिमोथी लीटन यूके के इंग्लैंड में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय में अल्ट्रासोनिक्स और अंडरवाटर ध्वनिकी के प्रोफेसर हैं। वह मंगल ग्रह और कई अन्य अंतरिक्ष स्थलों के लिए जाने वाली जांचों में ध्वनि को रिकॉर्ड करने वाले सेंसरों को शामिल करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करते हैं।

आवाज से कई रहस्यों का खुलासा संभव

लीटन ने स्पेस डॉट कॉम को बताया कि माइक्रोफोन का काम सिर्फ आवाजें सुनने से परे है, क्योंकि शोधकर्ताओं को मंगल ग्रह पर हवा, तापमान, रसायन विज्ञान और अशांति के बारे में बताने के लिए उनका विश्लेषण किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आप ध्वनियों को सुनकर बड़ी मात्रा में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अपने इस उद्देश्य के लिए लीटन ने साइंस और इंजीनियरिंग के बच्चों को प्रेरित करने के लिए एक स्थानीय तारामंडल को लाइव शो के दौरान अंतरिक्ष की ध्वनि सुनाने के लिए एक सिमुलेशन डिवाइस गिफ्ट की। यह सॉफ्टवेयर पैकेज ऑडियो सिमुलेशन चलाता है जो प्राकृतिक घटनाओं से उत्पन्न ध्वनियों का अनुमान लगाता है।

मार्स पर्सिवेरेंस रोवर में दो माइक्रोफोन

फरवरी 2021 में अपनी लैंडिंग के बाद, नासा का मार्स पर्सिवेरेंस रोवर लाल ग्रह पर पहला मिशन है जो सतह से रिकार्ड हुई आवाज को सुनने की सीमा में वापस लाने में सक्षम है। पहिये वाला रोबोट दो माइक्रोफोन से सुसज्जित है: सुपरकैम माइक्रोफोन, घूमते रोवर के मस्तूल के ऊपर स्थित है और दूसरा प्रवेश, अवतरण और लैंडिंग माइक्रोफोन रोवर की बॉडी पर लगा हुआ है। सुपरकैम माइक्रोफ़ोन ने हवा और अशांति के शोर और विभिन्न उपकरणों के आवाज को रिकॉर्ड किया है। । इसने मंगल ग्रह के पतले, कार्बन डाइऑक्साइड-प्रभुत्व वाले वातावरण में ध्वनि तरंगें कैसे व्यवहार करती हैं, इसका ऑन-द-स्पॉट विश्लेषण करना भी संभव बना दिया है।

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