नई दिल्ली| कोरोना संकट से बहुत हद तक उबरने के बाद 2022 में देश की अर्थव्यवस्था लगभग स्थिर रही। ऐसे में 2023 के बजट से लोगों को बहुत अपेक्षाएं हैं। जैसे-जैसे बजट की तारीख नजदीक आ रही है लोगों में इस बात की उत्सुकता बढ़ रही है कि इस बार उनके लिए क्या खास होगा? आने वाले बजट पर आर्थिक जानकारों के बीच भी दो तरह के राय हैं। कुछ जानकारों का मानना है कि महंगाई और बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए बजट में बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। हालांकि आर्थिक विशेषज्ञों का एक वर्ग 2023 के बजट में बड़े सुधार की उम्मीद कर रहा है। उनका मानना है कि खासकर टैक्स के राहत से जुड़े मामलों में वित्त मंत्री इस बार बड़ी घोषणाएं कर सकती हैं।
बजट तैयार होने की प्रक्रिया पर नजदीक से नजर रख रहे कुछ जानकारों का मानना है कि इस बार के बजट में बहुत बड़े सुधार या बदलाव के आसार कम ही हैं। हालांकि उनका मानना है कि अलग-अलग कैटेगरी के करदाताओं के लिए टैक्स एक्जेम्शन और छूट की घोषणा 2023 के बजट में की जा सकती है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है। लोगों को उम्मीद है कि इस बार के बजट पर मोदी सरकार के 2024 के आम चुनावों की तैयारी की झलक दिखेगी।
बजट पूर्व मंत्रणा बैठकों में कई दिग्गजों ने टैक्स स्लैब में बदलाव और करों में छूट का दायरा बढ़ाने की सरकार से अपील की है। बजट पूर्व मंत्रणा बैठकों में जिस मांग पर सबसे अधिक फोकस रहा वह था पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) के दायरे को डेढ़ लाख से बढ़ाकर तीन लाख करना। करदाता 80सी के तहत मिलने वाली छूट के दायरे को बढ़ाये जाने की उम्मीद कर रहे हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई का खर्च, एजुकेशन लोन, घर खरीदने पर किए गए खर्च और रिटायरमेंट के बाद के प्लान्स पर किए गए खर्च में राहत मिलेगी।
क्या पीपीएफ पर छूट का होगा एलान?
अधिकतर जानकारों का मानना है कि इस बार के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम आदमी को राहत देने वाले कुछ बड़े फैसलों को अमलीजामा पहना सकती हैं। इंस्टीच्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की तरफ से सरकार को भेजी गई एक सिफारिश में कहा गया है कि पीपीएफ की सालाना लिमिट को 1.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने पर सरकार को विचार करना चाहिए। सिफारिश के अनुसार पीपीएफ में नौकरीपेशा, मध्यम वर्ग और व्यापारी ज्यादा पैसा लगाते हैं ऐसे में अगर इसकी लिमिट बढ़ायी जाती है तो समाज के एक बड़े वर्ग को फायदा होगा।
बजट 2023-24 पर क्या है आर्थिक जानकारों का मत?
एक्सिस सिक्योरिटीज के एमडी और सीईओ बी. गोपकुमार ने 2023 के बजट से जुड़ी संभावनाओं पर कहा कि चूंकि यह वर्ष 2024 के आम चुनावों से पहले आखिरी पूर्ण बजट है ऐसे में इसके विकासोन्मुख होने की उम्मीद है। घर खरीदने पर मौजूदा आयकर लाभ का दायरा बढ़ाने की घोषणा होने से रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिल सकता है। बजट में ग्रामीण खर्च और बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करने के उपाय मुख्य आकर्षण होंगे। उनके अनुसार, उद्यमिता संस्कृति को बनाने और मजबूत करने के लिए कोई भी रोडमैप आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे सकता है। इससे रोजगार सृजन के मामले में भी बड़ी उपलब्धि हासिल की जा सकती है। कुल मिलाकर वृद्धि और विकास पर फोकस होने के साथ 2023-24 के बजट में समाज के सभी वर्ग के लिए कुछ न कुछ हो सकता है। एफएमसीजी, मैन्युफैक्चरिंग, एमएसएमई और बैंकिंग कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनसे जुड़ी बड़ी घोषणाएं वित्त मंत्री कर सकती हैं।