खालिस्तानी चरमपंथियों ने भारतीय उच्चायुक्त को गुरुद्वारे में जाने से रोका, वापस भेजा; भारत ने जताई नाराजगी

लन्दन : खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों ने भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया। इसके बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा। वहीं, भारत ने ब्रिटेन के विदेश कार्यालय और पुलिस के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है।

घटना ग्लासगो के अल्बर्ट ड्राइव पर स्थित गुरुद्वारे के सामने हुई। उच्चायुक्त की यात्रा पूर्व नियोजित थी। सिख यूथ यूके के सदस्यों ने गुरुद्वारा प्रबंधकों के साथ अपनी झड़प के वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए हैं। उनमें से कुछ दोरईस्वामी की कार के पास पहुंचे और उन्हें जाने के लिए कहने लगे।
स्कॉटलैंड पुलिस के प्रवक्ता ने कहा, हमें 29 सितंबर को दोपहर 1.05 बजे बुलाया था। अल्बर्ट इलाके में कुछ गड़बड़ी होने की रिपोर्ट की गई थी। उन्होंने बताया कि किसी के घायल होने की खबर नहीं है और पूरी स्थिति का पता लगाने के लिए जांच जारी है।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो एक सिख व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘हमें किसी भी भारतीय राजदूत, भारत सरकार के किसी भी व्यक्ति को, जो वीजा आवेदन करने के कोई भी आधिकारिक हैसियत से आता है, या जो भी हो, हमें इसी तरह स्वागत करना चाहिए।’

गुरुद्वारा समिति के अनुरोध पर पहुंचे थे भारतीय उच्चायुक्त

यह घटना स्कॉटलैंड में उच्चायुक्त की दो दिवसीय यात्रा के अंत में हुई, जिसमें स्थानीय राजनीतिक नेताओं, प्रवासी प्रतिनिधियों, व्यापार प्रमुखों और विश्वविद्यालय समूहों के साथ सिलसिलेवार बैठकें और चर्चाएं शामिल थीं। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के मुताबिक, गुरुद्वारा में बैठक का आयोजन सिख समूहों से मिलने और दूतावास व अन्य मामलों पर उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए किया गया था। गुरुद्वारा समिति के अनुरोध पर भारतीय उच्चायुक्त यहां पहुंचे थे।

शांतिप्रिय सिखों के साथ बातचीत को बाधित करना चाहते थे चरमपंथी

सूत्रों ने कहा कि कुछ बाहरी लोगों और चरमपंथी तत्वों ने यह विवाद इसलिए खड़ा किया ताकि शहर के अधिकांश शांतिप्रिय सिखों के साथ बातचीत और सामुदायिक जुड़ाव को बाधित किया जा सके। स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री हमजा यूसुफ के साथ बैठक के दौरान भारत में आतंकवाद के आरोप में हिरासत में ब्रिटिश सिख जगतार सिंह जोहल का मुद्दा भी उठा।

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