बेमेतरा/गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में भाजपा के घोषित प्रत्याशियों का खुलकर विरोध अब पार्टी के भीतर से ही होने लगा हैं। वर्षों से जुड़े कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर प्रदर्शन नारेबाजी करने लगे हैं। एक तरफ गरियाबंद जिले में राजिम विधानसभा में भाजपा के प्रत्याशी घोषणा के बाद भाजपा के पुराने और दिग्गज नेताओं की नाराजगी अब खुलकर सामने आने लगी है। वहीँ दूसरी तरफ बेमेतरा विधानसभा में भाजपा प्रवेश के पहले ही योगेश तिवारी को टिकिट दिए जाने की चर्चा ने पुराने कार्यकर्ताओं को भीतर से झकझोर कर रख दिया हैं। सूत्रों की माने तो विधानसभा में सेक्टरवाइस बीजेपी कार्यकर्ता ऐसी स्थिति से निपटने के लिए नयी रणनीति बनाने में लगे हैं। भाजपा की राह विधानसभा चुनाव में आसान नहीं दिख रही हैं।
बता दें की भाजपा ने पहली लिस्ट में जिन 21 विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशी घोषित किये हैं उसमें आधे दर्जन से ज्यादा क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश हैं। अब तो नेता और कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर विरोध करने लगे हैं।गरियाबंद जिले के सिरकट्टी आश्रम में सनातन रक्षा मंच के बैनर तले भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता और दिग्गज नेताओं ने प्रत्याशी बदलने को लेकर बैठक कर अपनी नाराजगी जाहिर की है। असंतुष्ट भाजपाइयों की यह दूसरी बड़ी बैठक है, जिसमें भाजपा के प्रदेश संदीप शर्मा, श्वेता शर्मा, मुरलीधर सिन्हा, रामु राम साहू, जितेंद्र सोनकर ,अशोक राजपूत, संजीव चंद्राकार, सरद परकार,अशोक साहू जैसे विधानसभा क्षेत्र के बड़े नेता समेत 100 से भी ज्यादा कार्यकर्ता मौजूद थे। इन्हीं की मौजूदगी में नेताओं ने बदलबो बदलबो रोहित साहू ला बदलबो का नारा लगाया।
टिकट के ऐलान के बाद लगातार विरोध जारी रहा. मान-मनावल के लिए कई बड़े नेताओं ने अलग-अलग तरीके से बैठक ली। सभी असंतोष नेताओं ने बड़े नेताओं समेत केंद्रीय नेतृत्व तक अपनी बातें रखी। इस बीच राजिम विस चुनाव कार्यलाय उद्घाटन में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव भी पहुंचे। साव ने मीडिया के सामने टिकट परिवर्तन के सवाल पर दो टूक जवाब देकर स्पष्ट कर दिया कि टिकट बदलने वाला नहीं। इस बयान के बाद अब असंतोष नेता खुलकर सामने आ गए हैं भाजपा में दावेदार को लेकर बढ़ती नाराजगी इस बार कांग्रेस के सीट के लिए संजीवनी का काम कर सकता है।
बगावत नहीं असंतोष है : भाजपा नेता रामुराम साहू, श्वेता शर्मा, मुरली धर सिन्हा ने बैठक के बाद बाहर निकल कर मीडिया को दिए बयान में कहा है कि, पार्टी ने 18 माह पहले जोगी जनता कांग्रेस से आए रोहित साहू को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिसका विरोध बीजेपी कार्यकर्ता और नेता लगातार कर रहे हैं. राजिम विधानसभा के नाराज पार्टी के नेताओं का कहना है कि, उन्होंने अपनी बातों को पार्टी के शीर्ष नेताओं तक रखी है और उन्हें उम्मीद है कि, पार्टी उनकी मांगों पर जरूर विचार करेगी. वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का ये भी कहना है कि, उनकी मांगों पर पार्टी विचार नहीं करती तो राजिम विधानसभा में भाजपा को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे और ऐसा करना उनका अधिकार है. यह बगावत नहीं जायज मांग को लेकर असंतोष है।
बेमेतरा में संभावित प्रत्याशी की चर्चा को लेकर आशंकित कार्यकर्ता!
बेमेतरा में पिछले चुनाव जोगी कांग्रेस से लड़कर भाजपा का रास्ता रोकने वाले योगेश तिवारी के एक अक्टूबर को भाजपा प्रवेश करने की सम्भावना व्यक्त की जा रही हैं। इसको लेकर सोशल मिडिया में पोस्टर ब्रोशर तक वायरल हो रहे हैं। वहीँ राजनितिक हलकों मेंयह चर्चा गर्म हैं कि उनका प्रवेश टिकट की शर्त पर ही होने जा रहा हैं। इस तरह की चर्चा आम होने के बाद बेमेतरा विधानसभा में भी भाजपा कार्यकार्ताओं में अंदर ही अंदर विरोध की चिंगारी सुलगने लगी हैं। पार्टी के ज़मीन से जुड़े एक पदाधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित किये जाने की शर्त पर कहा कि पार्टी में वर्षों से कार्य कर रहे लोगों की उपेक्षा कर किसी अन्य पार्टी से चुनाव मैदान में उतरकर भाजपा को हारने में भूमिका निभाने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रवेश देकर तुरंत प्रत्याशी बनाये जाने का विरोध स्वाभाविक रूप से होगा। इससे संगठन के बड़े नेता अवगत भी हैं। अभी प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ है इसलिए इस पर कुछ कहना उचित नहीं। हमें पूरा विश्वाश है की सर्वे और कार्यकर्ताओं की राय के मुताबिक़ ही ज़मीन से जुड़े किसी कार्यकर्ता को ही पार्टी उम्मीदवार बनाएगी। सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा से यदि योगेश तिवारी को प्रत्याशी बनाया जाता हैं तो भाजपा के ज्यादातर कार्यकर्ता खुलकर विरोध के मूड में हैं।
बेमेतरा की राजनितिक तासीर यूँ तो हर किसी के समझ में नहीं आता। भाजपा इस बार ठोक बजाकर जीत सकने योग्य प्रत्याशियों पर ही दांव लगा रही हैं। इस कारण से लगता नहीं की योगेश तिवारी को यहाँ से प्रत्याशी बनाया जा सकता हैं। अवधेश चंदेल, संध्या परगनिहा के साथ साथ स्वर्गीय महेश तिवारी के परिवार से भी किसी को प्रत्याशी बनाये जाने पर चर्चा पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद हो रही हैं। वैसे भी पूर्व घोषित 21 सीटों में से कई पर विरोध के स्वर खुलकर सामने आ रहे हैं। उसमें भी राजिम का मामला संभावित बेमेतरा की ही तरह का हैं। ऐसे में अभी शिवनाथ में और पानी बहने का इंतज़ार भाजपा कार्यकर्ताओं को करना होगा।