CG – हरियाली उजाड़कर यह कैसा उत्सव?, हरे भरे वृक्षों की हत्या, पर्यावरण प्रेमी भी मौन

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित मैत्रीकुंज, रिसाली में हरे भरे वृक्षों को काट कर दुर्गोत्सव मनाने की तैयारी की जा रही हैं। जबकि वहां उत्सव मनाने के लिए पहले से ही अवन्ति पार्क नामक सार्वजनिक स्थल हैं। हरियाली पर प्रहार के साथ बेजुबान पक्षियों के घोषलों को उजाड़े जाने से पर्यावरण प्रेमी चिंतित हैं।

शहरों में वैसे भी हरियाली काफी कम बची हैं। सिर्फ कांक्रीट की ऊँची ऊँची इमारतें तन गई हैं वहाँ छोटी सी जगह में करीब 25 हरे भरे पेड़ थे। इनमें आधे से ज्यादा अब तक जमींदोज़ कर दिए गए हैं। इस सम्बन्ध में पार्षद रमा साहू का कहना हैं कि वहां किसी तरह का कोई उद्यान नहीं हैं। सरकारी जमीन में कुछ झाड़ उग आये हैं उन्हें स्थानीय लोगों के द्वारा दुर्गोत्सव के लिए साफ़ सफाई किया जा रहा हैं। वहीँ कुछ लोग इस ज़मीन में कब्ज़े के उद्देश्य से अपने आवास के आसपास कुछ पौधा रोपण किये हैं, वे अपने स्वार्थ के लिए उत्सव का विरोध कर रहे हैं।

बता दें की बुधवार को लगभग 15 हरे भरे वृक्षों को कुछ लोगों के द्वारा काट दिया गया। साथ ही उक्त स्थल पर बचे अन्य 10 वृक्षों को भी काटने की धमकी दी गई है। कतिपय लोगों का आरोप हैं कि यह कार्य स्थानीय पार्षद के संरक्षण में ही किया जा रहा हैं। स्थानीय लोगों की माने तो इस वर्ष यहाँ नवरात्र उत्सव मनाने और दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए उक्त स्थल की साफ़ सफाई की जा रही हैं। जबकि वहीं 20 मीटर की दूरी पर अवंति पार्क स्थित हैं जहाँ प्रत्येक वर्ष गणेश जी और माता दुर्गा की मुर्ति विराजित की जाती है, भव्य आयोजन होता है। अभी भी वहां पर गणेश पूजा का भव्य आयोजन चल रहा है। ऐसे में नवरात्री उत्सव आयोजन की आड़ में कुछ लोगों के द्वारा अपने निहित स्वार्थ साधने के लिए हज़ारों बेजुबान पक्षियों और पेड़ों की निर्मम हत्या की जा रही है।

एक तरफ जब केंद्र और राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए कई कार्यक्रम चला रहे हैं ऐसे में प्रकृति के साथ खुलेआम छेडछाड बेहद चिंताजनक है। कलेक्टर, वन विभाग व पर्यावरण के संरक्षण में कार्यरत एनजीओ को इस गंभीर विषय का संज्ञान लेना चाहिए। अन्यथा मैत्रीकुंज में पानी टंकी के पीछे शेष बचे हरे भरे वृक्षों को को भी उत्सव की आड़ में असमय मौत की नींद सुला दी जायेगी।

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