चीन ने ‘कबाड़’ देकर नेपाल को लगाया 30 अरब रुपये का ‘चूना’, अब जिनपिंग से माफी की गुहार लगाएंगे प्रचंड

काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्‍प कमल दहल प्रचंड भारत के बाद अब चीन की यात्रा पर जा रहे हैं। प्रचंड की चीन यात्रा 22 सितंबर से शुरू हो रही है और वह इस दौरान राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान नेपाल और चीन के बीच 8 समझौतों पर हस्‍ताक्षर होने जा रहा है। नेपाली मीडिया के मुताबिक चीन और नेपाल के बीच सबसे अहम बीआरआई पर कोई समझौता नहीं होने जा रहा है। हालांकि दोनों पक्षों के बीच में इस पर चर्चा होगी। इस दौरान सफेद हाथी बने नेपाल के पोखरा इंटरनैशनल एयरपोर्ट और कबाड़ बन चुके 5 चीनी पैसेंजर प्‍लेन के लोन को माफ करने के लिए भी प्रचंड चीनी राष्‍ट्रपति से गुहार लगाएंगे।

चीन के प्रधानमंत्री के बुलावे पर बीजिंग जा रहे नेपाली प्रधानमंत्री प्रचंड व्‍यापार, ऊर्जा सहयोग, इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर, टूरिज्‍म और सीमा व‍िवाद पर चीनी नेताओं से बातचीत करेंगे। हालांकि सबकी नजर बीआरआई और सीमा विवाद पर रहेगी। नेपाल चीन के साथ भारत की तरह से सीमापार ऊर्जा सहयोग समझौता करना चाह रहा था लेकिन इस पर अभी कोई डील नहीं होने जा रही है। काठमांडू पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक प्रचंड चीन के राष्‍ट्रपति से मुलाकात में अनुरोध करेंगे कि बीआरआई के एक प्रॉजेक्‍ट को लोन नहीं बल्कि ग्रांट के जरिए पूरा किया जाए।

चीन के कर्ज में फंसा नेपाल, प्रचंड लगाएंगे गुहार

दरअसल, बीआरआई के तहत दुनियाभर के देशों को बहुत महंगा लोन दे रहा है जिससे श्रीलंका और पाकिस्‍तान जैसे देश अरबों डॉलर के चीनी कर्ज के दलदल में फंस गए हैं। यही वजह है कि अब नेपाल चाहता है कि बीआरआई के प्रॉजेक्‍ट को चीन ग्रांट के जरिए पूरा करे। नेपाली पीएम चीनी राष्‍ट्रपति से पोखरा एयरपोर्ट को दिए गए लोन और 5 कबाड़ साबित हुए मेड इन चाइना प्‍लेन के लोन को माफ कर दें। नेपाल की इस इच्‍छा के बाद भी चीन ने इन दोनों ही लोन को माफ करने से इंकार कर दिया है। इसके बाद भी नेपाली पक्ष चीन के शीर्ष नेतृत्‍व से इस पूरे मामले को उठाने जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button