जी20 के घोषणा पत्र पर बौखलाया यूक्रेन, रूस का जिक्र न करने से नाराज, बुलाए न जाने पर भी जताया अफसोस

कीव: भारत ने इस बार के जी20 सम्‍मेलन की अध्‍यक्षता की और जिस कूटनीति के तहत उसने शिखर सम्‍मेलन का घोषणा पत्र जारी किया, उसकी हर कोई तारीफ कर रहा हैं। वहीं दूसरी ओर यूक्रेन ने इस घोषणा पत्र पर अपनी आपत्ति जाहिर की है। जी20 समूह ने शिखर सम्मेलन में सर्वसम्मति एक घोषणा को अपनाया। इसके तहत यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस की निंदा करने से परहेज किया गया। लेकिन साथ ही साथ सभी देशों से क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए बल का प्रयोग न करने की अपील की गई है। यूक्रेन की मानें तो इस घोषणा पत्र पर किसी को भी गर्व महसूस नहीं करना चाहिए।

रूस की निंदा न होना अखरा

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया दी गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ओलेग निकोलेंको ने फेसबुक पर लिखा, ‘घोषणा में ‘गर्व करने लायक कुछ भी नहीं’ है। यूक्रेन की उपस्थिति से सदस्‍यों को स्थिति की बेहतर समझ होती।’ विदेश मंत्रालय इस बात से खफा है कि रूस का जिक्र तक युद्ध के सिलसिले में नहीं किया गया। रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था और तब से ही कई पश्चिमी देश यूक्रेन के समर्थन में खड़े हैं। ऐसे में रूस की निंदा न होना यूक्रेन को अखर रहा है।

भारत ने नहीं किया इनवाइट

यूक्रेनी विदेश मंत्रालय जी20 शिखर सम्मेलन में अपनी अनुपस्थिति से भी नाराज है क्योंकि भारत ने राष्‍ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की को निमंत्रण नहीं दिया था। इससे पहले यूक्रेन को हर सम्‍मेलन में आमंत्रित किया गया था। हालांकि यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने उसके मित्र देशों को उसकी जगह पर जिम्‍मा संभालने के लिए धन्‍यवाद कहा है। फ्रांस समेत यूरोप के कुछ देशों को जी20 सम्‍मेलन के घोषणा पत्र से आपत्ति थी। लेकिन जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्‍ज ने इसका समर्थन किया। उन्‍होंने कहा कि घोषणा ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर एक साफ स्थिति प्रदर्शित की है। इसमें साफ है कि देशों की क्षेत्रीय अखंडता पर हिंसा के साथ सवाल नहीं उठाया जा सकता है।

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