हम इसके लिए तैयार हैं मगर…; ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर बोले मुख्य चुनाव आयुक्त

भोपाल। मीडिया से बात करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विषय पर कहा कि भारतीय चुनाव आयोग संवैधानिक प्रावधानों और जन प्रतिनिधि अधिनियम के अनुसार काम करने के लिए तैयार है।

आपको बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मध्य प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों, प्रशासन और ED के साथ चुनाव की तैयारियों पर बैठक करने के लिए भोपाल गए थे।

उन्होंने बताया कि चुनाव की अंतिम मतदाता सूची को 5 अक्टूबर को जारी किया जाएगा। राज्य में करीब 5.5 करोड़ मतदाता हैं।

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर क्या बोलें?
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के सवाल पर जवाब देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि, चुनाव आयोग को संवैधानिक प्रावधानों और आरपी अधिनियम के अनुसार समय से पहले चुनाव कराना आवश्यक है। कानूनी प्रावधानों के मुताबिक यह समय(चुनाव का) नई सरकार बनने के बाद संसद की पहली बैठक की तारीख से पांच साल है। चुनाव आयोग इस अवधि के समाप्त होने से छह महीने पहले आम चुनावों की घोषणा कर सकता है। विधानसभा चुनावों के लिए भी समान नियम हैं। उन्होंने आगे बात करते हुए कहा भारतीय चुनाव आयोग कानूनी प्रावधानों के तहत चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

ई-वोटिंग पर क्या कहा?
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि ई-वोटिंग में अभी समय लगेगा क्योंकि इस प्रक्रिया में हैकिंग का डर है और इसको लेकर लोगों में विश्वास की कमी है। तकनीक कोई समस्या नहीं है और अभी की प्रक्रिया किसी नेटवर्स से जुड़ी हुई नहीं है मगर इस विषय पर चर्चा जारी और इस पर अभी समय लगेगा।

मध्य प्रदेश में कितने मतदाता हैं?
राजीव कुमार ने बताया कि मध्य प्रदेश में 5.52 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 2.85 करोड़ पुरुष और 2.67 महिला मतदाता शामिल हैं। राज्य में 1,336 ट्रांसजेंडर व्यक्ति, 4.85 लाख विकलांग लोग, 80 वर्ष से अधिक आयु के 7.12 लाख मतदाता, 100 वर्ष से अधिक आयु के 6,180 लोग, 18.86 लाख नए मतदाता और 75,426 सेवा मतदाता हैं। उन्होंने ये भी बताया कि चुनाव आयोग वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग व्यक्तियों को आगामी चुनावों में अपने घरों से मतदान करने में सक्षम बनाने के लिए एक प्रणाली पर काम कर रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मतदाता घर बैठे वोट देने के लिए ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से अनुरोध कर सकते हैं। ऑनलाइन फॉर्म मिलने के बाद चुनाव अधिकारी ऐसे मतदाताओं के घरों का दौरा करेंगे और गोपनीयता के साथ मतदान सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी।

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