सचिन तेंदुलकर ने निभाया दोस्ती का फर्ज, मुरलीधरन की बायोपिक के ट्रेलर लांच पर बरसाया प्यार
मुंबई : फिल्म ‘800’ श्रीलंकाई क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन की बायोपिक है। मुथैया मुरलीधरन के नाम टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज है। उनके उसी रिकॉर्ड से प्रभावित फिल्म के निर्देशक एमएस श्रीपति ने उनकी बायोपिक फिल्म का नाम ‘800’ रखा है। मंगलवार को इस फिल्म का ट्रेलर भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने लांच किया। इस अवसर पर सचिन तेंदुलकर और श्रीलंकाई क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन एक दूसरे की खूब तारीफ करते नजर आए।
भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने फिल्म के ट्रेलर लांच के दौरान कहा, ‘हमारी और मुथैया मुरलीधरन की सबसे पहली मुलाकात साल 1993 में हुई थी। तब से लेकर आज तक हम दोनों एक दूसरे के संपर्क में लागतार हैं। और, आज भी हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं। अभी पिछले महीने ही मैं किसी काम से श्रीलंका गया था और मैंने मुथैया मुरलीधरन को संदेश भेजा कि आपके शहर में हूं। उन्होंने बताया कि वह भारत में हैं। पहली बार उन्होंने मुझे अपनी बायोपिक फिल्म के बारे में बताया। और, पूछा कि क्या आप मेरी फिल्म के ट्रेलर लांच में आएंगे? मैंने कहा, आपके लिए कभी भी। आज मुझे यहां आकर बहुत खुशी हो रही है। मैं आशा करता हूं कि सभी लोग इस फिल्म को खूब पसंद करेंगे, इस फिल्म के लिए मैं मुथैया मुरलीधरन और फिल्म की पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई देता हूं।’
श्रीलंकाई क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन ने सचिन तेंदुलकर का आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘मैं सचिन तेंदुलकर का बहुत आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मेरे निवेदन को स्वीकार किया और अपना आशीर्वाद देने आज फिल्म के ट्रेलर लांच पर आए हैं। तीन दशक तक क्रिकेट की दुनिया में उन्होंने राज किया है। वह बहुत ही विनम्र हैं। मैं फिल्म के निर्देशक एमएस श्रीपति का भी बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मेरी बायोपिक बनाई। हालांकि पहले मैं अपनी बायोपिक के पक्ष में नहीं था, लेकिन वह मेरी पत्नी मधिमलार रामामूर्ति के बचपन के मित्र हैं। एक दिन हमारे घर पर लंच पर आए। और, उन्होंने मेरी बायोपिक पर फिल्म बनाने की इच्छा जताई। उनका आइडिया मुझे पसंद आया और मैंने अपनी बायोपिक बनाने की सहमति दे दी।’
फिल्म के निर्देशक एमएस श्रीपति ने कहा, ‘जब मुझे मुथैया मुरलीधरन को करीब से जानने का मौका मिला तो उनकी कहानी मुझे बहुत रोचक और प्रेरणादायक लगी। किस तरह से छह वर्ष की आयु में वह क्रिकेट की तरह आकर्षित हुए और चौदह साल की उम्र में उन्होंने ऑफ-स्पिन करना शुरू कर दिया। आज वह लीजेंड हैं। उनके जीवन के बहुत सारे भावनात्मक पहलू इस फिल्म में देखने को मिलेंगे जिसे मैं अभी बता नहीं सकता है। लेकिन दर्शकों के लिए वह प्रेरणादायक होगी।’