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पाकिस्तान में बिजली का बिल देगा ‘झटका’, पाक प्राधिकरण ने के-इलेक्ट्रिक टैरिफ में की बढ़ोतरी की मांग

इस्लामाबाद :  पाकिस्तान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। पाकिस्तान की आवाम एक वक्त की रोटी जुटाने में भी असमर्थ है। इस बीच अब उनपर बिजली संकट की मार भी सरकार द्वारा दी जा रही है। पाकिस्तान में के-इलेक्ट्रिक उपभोक्ताओं को वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान अर्जित तीन त्रैमासिक समायोजन के हस्तांतरण को अधिकृत करने के लिए, पाकिस्तान सरकार ने आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक पावर नियामक प्राधिकरण (नेप्रा) में याचिका दायर की है। परिणामस्वरूप, के-इलेक्ट्रिक उपभोक्ताओं से पाक मुद्रा में अतिरिक्त रु.10/यूनिट शुल्क लिया जाएगा।

पाकिस्तान स्थित मीडिया आउटलेट ने बताया कि ऊर्जा मंत्रालय (पावर डिवीजन) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से संबंधित तीन त्रैमासिक टैरिफ समायोजन (क्यूटीए) के हस्तांतरण के लिए मंजूरी मांगने के लिए नेप्रा में आवेदन किया है।

इन समायोजनों में पहली तिमाही के लिए 4.45 रुपये प्रति यूनिट, दूसरी तिमाही के लिए 0.4689 रुपये प्रति यूनिट और चौथी तिमाही के लिए 5.41 रुपये प्रति यूनिट तक का शुल्क शामिल है। नतीजतन, के-इलेक्ट्रिक के उपभोक्ताओं को आने वाले महीनों में उनके बिजली बिल में प्रति यूनिट 10.32 रुपये की सामूहिक वृद्धि के साथ बिजली बिल जमा करवाना होगा। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, इन तीन अलग-अलग समायोजन पुनर्प्राप्तियों को सितंबर से दिसंबर 2023 तक लागू किए जाने की उम्मीद है।

इन अधिनियमों के तहत सरकार ने दायर किया आवेदन

द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार, सरकार की याचिका के संबंध में बिजली नियामक द्वारा सार्वजनिक सुनवाई 11 सितंबर को आयोजित की जानी है। सरकार ने यह आवेदन नेप्रा अधिनियम, 1997 की धारा 7 और 31 के प्रावधानों के साथ-साथ नेप्रा टैरिफ (मानक और प्रक्रिया) नियम, 1998 के नियम 17 के तहत दायर किया है।

सरकार की तरफ से यह निर्णय तब लिया गया है जब पूरे देश में बढ़े हुए बिजली बिल और पेट्रोलियम उत्पादों की महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। पाकिस्तान में बढ़े हुए बिजली बिल और महंगाई के खिलाफ शनिवार को हड़ताल रही।

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