चंद्रमा कमजोर होता है तो गलत फैसले लेता है व्यक्ति, ये करें उपाय

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को काफी असरदार माना गया है। ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा ठीक रहता है तो मानसिक शांति प्राप्त होती है, लेकिन चंद्रमा कमजोर होने पर व्यक्ति गलत फैसले लेने लगता है और जीवन में कई तरह के मानसिक तनाव झेलने पड़ते हैं।

कर्क राशि के स्वामी है चंद्रमा

भारतीय ज्योतिष के मुताबिक,चन्द्रमा एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में सवा दो से ढाई दिन लगता है। चंद्रमा को कर्क राशि का स्वामी माना जाता है और रोहिणी, हस्त और श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा होते है। इसके अलावा पाताल लोक का स्वामी भी चंद्रमा को ही माना जाता है। चंद्रमा के सूर्य व बुध के साथ मित्रवत संबंध होते हैं, लेकिन राहु और केतु शत्रु ग्रह होते हैं।

चंद्रमा कमजोर होने पर असर

यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है तो व्यक्ति मानसिक रूप से बहुत ही कमजोर हो जाता है। भावनाओं में बहकर गलत फैसले ले लेता है और बाद में अपने ही फैसलों पर दुख होता है। चंद्रमा कमजोर होने पर मानसिक बीमारी भी हो सकती है और अस्थमा जुकाम और जल से भय बना रहता है।

चंद्रमा मजबूत करने के लिए करें ये उपाय

कुंडली में चंद्रमा मजबूत करने के लिए भगवान शिव की उपासना करना चाहिए। इसके अलावा सोमवार को व्रत रखने से भी चन्द्र दोष दूर होता है। पौराणिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करने से भी चंद्र दोष दूर होता है। माता-पिता और गरीबों की सेवा करने से भी चन्द्र पीड़ा का निवारण होता है।

पुखराज धारण करने से लाभ

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, चंद्र दोष दूर करने के लिए पीड़ित व्यक्ति को श्वेत मोती या श्वेत पुखराज धारण करना चाहिए। साथ ही सफेद रंग के वस्त्र बांटने से भी लाभ होता है। चांदी की अंगूठी में 5 रती का मोती जड़वा कर सीधे हाथ की कनिष्ठा उंगली में धारण करें तत्काल लाभ होता है।

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