राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भोपाल पहुंचीं, उन्मेष-उत्कर्ष उत्सव का किया शुभारंभ
भोपाल: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज भोपाल प्रवास पर हैं। वह सुबह साढ़े ग्यारह बजे विशेष विमान से यहां पहुंचीं। स्टेट हैंगर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान व प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उनकी आत्मीय अगवानी की। यहां से राष्ट्रपति का काफिला रवींद्र भवन के लिए रवाना हो गया।
रवींद्र भवन में उन्होंने एशिया के सबसे बड़े साहित्य उत्सव उन्मेष और लोक व जनजातीय अभिव्यक्तियों के कला उत्सव उत्कर्ष का शुभारंभ किया। राष्ट्रपति इस कार्यक्रम में करीब दो घंटे तक रहेंगी। इससे पहले राष्ट्रपति इसी साल मार्च में अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर भोपाल आई थीं।
साहित्य, संगीत और कला देते हैं आत्मा और मन को सुख
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे देश का इतिहास सबसे पुराना है। ये वो धरती है जिसके गांव का बच्चा-बच्चा यह बोलता है कि प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो। रोटी-कपड़ा-मकान ही हमारी जरूर नहीं है। हमें शरीर के सुख के साथ मन और आत्मा का सुख भी चाहिए। यह सुख जो देता है, वो साहित्य, संगीत और कला है। उत्कर्ष-उन्मेष जैसे कार्यक्रम हमारे संगीतज्ञ और कलाकारों को आगे लेकर आते हैं।
एमपी से जुड़े हैं कला, संगीत और साहित्य के कई नाम
सीएम शिवराज ने कहा, मध्य प्रदेश प्राचीन काल से कला और संस्कृति की संगम स्थली रही है। यह साहित्यकारों की कर्मभूमि रहा है। भीमबैठका और खजुराहो इसके साक्षात प्रमाण है। राजा भोज और देवी अहिल्या ने धर्म और संस्कृति के लिए कार्य किया है। लता मंगेशकर, किशोर कुमार और उत्साद अलाउद्दुीन खान को इसी धतरी ने जन्म दिया। इस आयोजन पर आए सभी मेहमानों का मैं दिल से धन्यवाद देता हूं।
5 से अधिक सत्रों में 575 से अधिक लेखक
गौरतलब है कि 03 से 05 अगस्त तक चलने वाले ‘उन्मेष’ उत्सव में 75 से अधिक सत्रों में 575 से अधिक लेखक भागीदारी करेंगे। इसमें तीन राज्यों के राज्यपाल और 13 विदेशी भाषाओं के लेखक भी होंगे। चिकित्सकों का साहित्य, सागर साहित्य जैसे नए विषयों पर विमर्श होगा। इसके अंतर्गत बहुभाषी कविता पाठ, लेखन पाठ, आदिवासी कवि सम्मेलन, साहित्य के विषयों पर परिचर्चा, आजादी का अमृत महोत्सव पर कविता पाठ और साहित्य के उत्थान संबंधी विभिन्न विषयों पर प्रबुद्धजनों द्वारा विमर्श किया जाएगा। इसके साथ ही “पुस्तक मेला” में साहित्य अकादमी और अन्य प्रकाशकों की पुस्तकें बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगी। उत्सव के दौरान साहित्य अकादमी द्वारा प्रख्यात लेखकों पर बनी डाक्यूमेंट्री भी दिखाई जाएंगी।