महाराष्ट्र घटनाक्रम पर कपिल सिब्बल ने किया तंज, बोले- महाराष्ट्र की राजनीति ‘तमाशा’ है लोकतंत्र नहीं
नई दिल्ली : राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने गुरुवार को महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम को ”तमाशा” करार दिया और कहा कि ऐसा लगता है कि कानून इसकी इजाजत देता है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक घटनाक्रम “सत्ता की रोटियां” के बारे में था, न कि लोगों के बारे में।
जाने-माने वकील सिब्बल की यह टिप्पणी राकांपा नेता अजित पवार और आठ अन्य को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल किए जाने के बाद सामने आई है।
NDA से मिलाया हाथ
अजित पवार ने रविवार 2 जुलाई को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में जबरदस्त विद्रोह कर दिया, जिससे पार्टी में विभाजन हो गया और उपमुख्यमंत्री बनने के लिए उन्होंने महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन (NDA) के साथ हाथ मिला लिया।
सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, “महाराष्ट्र की राजनीति, यह लोकतंत्र नहीं है। यह एक ‘तमाशा’ है और कानून इसकी इजाजत देता है! यह सत्ता की रोटियों के बारे में है, लोगों के बारे में नहीं!”
आप कब राजनीति से संन्यास लेंगे?- अजित पवार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बुधवार को कहा कि वह राज्य का मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं और साथ ही उन्होंने राकांपा प्रमुख शरद पवार पर भी कटाक्ष किया कि उन्होंने अपने 83 वर्षीय चाचा से पूछा है कि वह सक्रिय राजनीति से कब संन्यास लेंगे?
युद्धरत पवार खेमों ने शक्ति प्रदर्शन के लिए मुंबई में अलग-अलग बैठकें कीं।
दोनों गुटों के सूत्रों ने बताया कि अजित पवार समूह द्वारा बुलाई गई बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 53 में से 32 विधायक शामिल हुए, जबकि शरद पवार द्वारा संबोधित सम्मेलन में 18 विधायक मौजूद थे।