अधूरा ख्वाब : 11 राज्य, 18 डिप्टी CM…मुख्यमंत्री बनने का सपना कब होगा साकार?

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है. जबकि वो पिछले साढ़े चार साल से मुख्यमंत्री बनने का इंतजार कर रहे थे. कांग्रेस हाईकमान ने सत्ता की कमान 2018 में भूपेश बघेल को सौंप दी थी, लेकिन सिंहदेव के सीएम बनने की ख्वाहिश खत्म नहीं हुई. ऐसे में दोनों नेताओं के बीच चली आ रही सियासी खींचतान को खत्म कराने के लिए सिंहदेव को डिप्टी सीएम की कुर्सी सौंपी गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनने का उनका सपना कब साकार होगा, इसका इंतजार है.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मजबूत करने में भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव भूमिका अहम मानी जाती है. 2018 में चुनावी नतीजे के बाद कांग्रेस हाईकमान को दखल देना पड़ा था और ढाई-ढाई साल के कथित फॉर्मूले वाले समझौते के बाद भूपेश बेघल को मुख्यमंत्री और टीएस सिंहदेव को मंत्री पद से संतोष करना पड़ा था. साढ़े चार साल के बाद अब सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाया जा रहा है, लेकिन इस पद का संविधान में कोई जिक्र नहीं है. इसके बाद भी राजनीतिक पार्टियां सियासी समीकरण को साधने के लिए डिप्टी सीएम का दांव चलती रही हैं.

देश में कहां-कहां पर हैं डिप्टी सीएम?
बता दें कि मौजूदा समय में देश के 11 राज्यों में 18 उपमुख्यमंत्री हैं. उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, हिमाचल, अरुणाचल प्रदेश, नगालेंड, मेघालय में डिप्टी सीएम हैं और अब छत्तीसगढ़ में उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है. इसके अलावा दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में डिप्टी सीएम रह चुके हैं, जिन्हें किसी न किसी कारण से हटा दिया गया है.

देश के जिन राज्यों में उपमुख्यमंत्री काम कर रहे हैं, उनमें से छह राज्यों में बीजेपी या फिर उसके सहयोगी दल की सरकार है जबकि तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है. बिहार में महागठबंधन और आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस की सरकार है. इस फेहरिस्त में कई ऐसा नेता हैं, जो खुद को मुख्यमंत्री पद के दावेदार मान रहे थे, लेकिन पार्टी हाईकमान या फिर सहयोगी दलों के मजबूरी के चलते उन्हें डिप्टी CM के पद से संतोष करना पड़ रहा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या डिप्टी सीएम से ये सीएम तक की कुर्सी पर पहुंच पाएंगे?

यूपी में दो डिप्टी सीएम, क्या सपना होगा साकार?
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में दो उपमुख्यमंत्री हैं, जिनमें एक केशव प्रसाद मौर्य और दूसरे बृजेश पाठक हैं. पिछली सरकार में भी दो डिप्टी सीएम थे. बीजेपी 2017 में 15 साल के बाद यूपी की सत्ता में लौटी तो तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में से एक थे, लेकिन योगी आदित्यनाथ को सत्ता की कमान सौंप दी गई थी. केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाया गया था, लेकिन सीएम बनने की ख्वाहिश जगजाहिर है. यही वजह रही कि सूबे में योगी और केशव के बीच खींचतान के कयास लगाए जाते रहे हैं जबकि बृजेश पाठक 2022 में ही डिप्टी सीएम बने हैं.

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की नजर
महाराष्ट्र में बीजेपी के सहयोग से एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं और देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री हैं. फडणवीस भले डिप्टी सीएम हैं, लेकिन सीएम की तरह ही तेवर रखते हैं, क्योंकि 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रहे हैं. उद्धव ठाकरे का तख्तापलट करने वाले एकनाथ शिंदे पिछले साल शिवसेना के विधायकों को साथ लेकर आने का इनाम मिला था. बीजेपी ने अपने किसी नेता की जगह पर शिंदे को सीएम बना दिया और फडणवीस को डिप्टी सीएम से संतोष करना पड़ा. ऐसे में फडणवीस की नजर अभी भी मुख्यमंत्री पद पर हैं, लेकिन कब विराजमान होंगे यह कहना मुश्किल है.

बिहार में तेजस्वी के सपने का क्या होगा?
बिहार में नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भले ही उपमुख्यमंत्री हैं, लेकिन उनकी पार्टी के नेता उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. इसी मद्देनजर आरजेडी के छोटे-बड़े नेता सार्वजनिक रूप से बात भी करते हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 2024 में प्रधानमंत्री पद के दावेदार भी बताया जा रहा है. इससे साफ है कि आरजेडी की कोशिश नीतीश को केंद्रीय सियासत में भेजकर मुख्यमंत्री पद पर तेजस्वी को विराजमान कराने की है. ऐसे में देखना है कि तेजस्वी यादव का सपना कब साकार होगा?

कर्नाटक में शिवकुमार क्या बनेंगे सीएम?
कर्नाटक में कांग्रेस के जीत और सत्ता की वापसी में डीके शिवकुमार का अहम रोल था. चुनाव नतीजे के बाद शिवकुमार सीएम पद की रेस में सबसे प्रबल दावेदारों में थे, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धारमैया को सत्ता की कमान सौंप दी, जिसके चलते डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम पद से संतोष करना पड़ा था. हालांकि, सिद्धारमैया-शिवकुमार के बीच संतुलन बनाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व को काफी मशक्कत करनी पड़ी है. ऐसे में साफ जाहिर है कि शिवकुमार फिलहाल के लिए भले ही मान गए, पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने की इच्छा अभी भी है. देखना है कि शिवकुमार कब सीएम बनते हैं?

हिमाचल में भी डिप्टी सीएम
हिमाचल में कांग्रेस 2022 के आखिर में सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही, जिसमें सीएम पद के दावेदार में सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री शामिल थे. कांग्रेस हाईकमान ने सुक्खू को सीएम और अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम की कुर्सी सौंप दी थी. हिमाचल के सियासी समीकरण के चलते मुकेश अग्निहोत्री भले ही फिलहाल डिप्टी सीएम की कुर्सी से मान गए हों, लेकिन सीएम बनने की ख्वाहिश कब पूरी होगी यह सवाल बरकरार है?

हरियाणा में दुष्यंत चौटाला का दम
हरियाणा के 2019 विधानसभा चुनाव में ऐसी स्थिति बनी कि किसी भी दल को बहुमत नहीं मिल सका. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी, लेकिन अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थी. देवीलाल की सियासी विरासत का दावा करने वाले दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के साथ बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाई. मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर मनोहर लाल खट्टर विराजमान हुए तो दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम पद मिला. दुष्यंत चौटाला का सपना अपने दादा और ताऊ की तरह हरियाणा के सीएम बनने का है, जिसके बारे में कई बार उनकी पार्टी के नेता सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं.

पूर्वोत्तर के तीन राज्य में डिप्टी सीएम
पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी के अगुवाई वाली एनडीए का एकछत्र राज कायम है. नॉर्थ ईस्ट के तीन राज्यों में डिप्टी सीएम काम कर रहे हैं, जिनमें नगालैंड में एनडीपीपी के नेता नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री हैं, लेकिन बीजेपी नेता यानथुंगो पैटन को डिप्टी सीएम के पद से संतोष करना पड़ा. अरुणाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पेमा खांडू है तो डिप्टी सीएम चौना मेन हैं. चौना एक मजबूत नेता के तौर पर उभरे हैं और उनकी नजर मुख्यमंत्री पद पर भी लगी है. मेघालय में एनपीपी प्रमुख कोनराड संगमा सीएम हैं और बीजेपी नेता नेता प्रेस्टोन टिनसोंग और स्नियावभालंग डिप्टी सीएम हैं. बीजेपी ने भले ही गठबंधन की मजबूरी में डिप्टी सीएम का पद अभी स्वीकार कर लिया है, लेकिन उसकी नजर अपना मुख्यमंत्री बनाने पर है.

आंध्र प्रदेश में पांच डिप्टी सीएम
आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई में वाईएसआर कांग्रेस सत्ता पर काबिज है और यहां पांच डिप्टी सीएम हैं. राजन्ना डोरा पीडिका, के नारायण स्वामी, बुदि मुत्याला नायडू, अमजद बाशा शेख बेपारी, कोट्टू सत्यनारायण डिप्टी सीएम है. जगन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के सियासी समीकरण को साधने के लिए अलग-अलग समुदाय से पांच डिप्टी सीएम बना रखे हैं, लेकिन सूबे की मौजूदा सियासत को देखते हुए जगन रेड्डी के सामने कोई भी नेता चुनौती देने की स्थिति में नहीं है.

छत्तीसगढ़ में सिंहदेव की अधूरी ख्वाहिश
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को दोबारा से खड़ा करने में भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव की भूमिका बराबर है. इसीलिए सिंहदेव की चाहत राज्य के मुख्यमंत्री बनने की रही, लेकिन साढ़े चार साल के बाद उनकी अधूरी ख्वाहिश ही पूरी हो सकी है. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने सिंहदेव को डिप्टीसीएम बना दिया है और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भूपेश बघेल काबिज हैं. ऐसे में सिंहदेव मुख्यमंत्री पर काबिज होंगे, क्योंकि पिछली बार ढाई-ढाई साल का कथित फॉर्मूला सामने आया था, लेकिन इस पर वो सफल नहीं हो सके.

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