भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध’, समुद्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों पर बोले PM मोदी

हिरोशिमा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जापान के हिरोशिमा में पहुंचे हैं। इस दौरान, उन्होंने जापान के प्रमुख अखबार योमिउरी शिंबुन से कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर बात की।

इसमें उन्होंने जी-7 और जी-20 के बीच सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। साथ ही उन्होंने चीन की सैन्य गतिविधियों से निपटने पर भी बात की।

G-7 और G-20 के बीच सहयोग को मजबूत करना जरूरी

पीएम मोदी ने विकासशील और उभरते देशों समेत ग्लोबल साउथ की चुनौतियों को हल करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का नेतृत्व करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान, आर्थिक सुधार, ऊर्जा अस्थिरता, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सुरक्षा और शांति और सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए G-7 और G-20 के बीच सहयोग को मजबूत करना महत्वपूर्ण है।

चीन पर दिया बयान

वहीं, उनसे जब पूछा गया कि भारत दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में चीन के सैन्य विस्तार, अंतरराष्ट्रीय कानून और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए ताइवान जलसंधि में बढ़ते तनाव से कैसे निपटेगा? तो पीएम मोदी ने कहा कि भारत संप्रभुता, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन का सम्मान करता है।

अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर हम समुद्री विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देते हुए अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने अपने दृष्टिकोण का प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश के साथ भूमि और समुद्री सीमाओं को सफलतापूर्वक सुलझा लिया है।

यूक्रेन पर बोले पीएम

इस मौके पर पीएम मोदी ने यूक्रेन मामले पर भी बात। यूक्रेन पर पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतराष्ट्रीय कानून के महत्व को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के आधार पर एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए अपने मजबूत समर्थन की पुष्टि की है।

भारत यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है। हम संयुक्त राष्ट्र और उसके बाहर रचनात्मक योगदान देने के लिए तैयार है।

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