आखिर क्यों बेचना पड़ा गूगल के CEO सुंदर पिचाई को अपना पुश्तैनी घर, कागजात सौंपते समय रोते दिखे पिता

नई दिल्ली : गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने जिस घर में अपने बचपन से लेकर जवानी गुजारी वो बिक गया है। यह घर चेन्नई के रिहायशी इलाके अशोक नगर में स्थित है। जब प्रॉपर्टी के कागजात खरीददार को सौंपे गए तो उनके पिता रो पड़े। उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। खैर, ये लम्हा है भी दुखी होने वाला। हर इंसान की अपने घर से अच्छी बुरी यादें जुड़ी होती हैं। ऐसे में जब उसे बेचना पड़े तो कोई भी भावुक नजर आएगा।

एक रिपोर्ट के अनुसार, पिचाई का पैतृक घर तमिल एक्टर और फिल्म डायरेक्टर सी मणिकंदन ने खरीदा है। यह घर कितने रुपयों में बिका, यह जानकारी अभी सामने नहीं आई है। लेकिन इस घर को बेचते समय सुंदर पिचाई के पिता जरूर दुखी नजर आए।

चेन्नई के रिहायशी इलाके में है घर

सुंदर पिचाई का यह घर चेन्नई के एक रेजिडेंशियल एरिया अशोक नगर में है। सीईओ सुंदर पिचाई फिलहाल अमेरिका में रहते हैं। हालांकि उनका पैतृक घर चेन्नई के रेजिडेंशियल एरिया अशोक नगर में था, जिसमें वे 20 साल की उम्र तक रहे थे। उनका पालन-पोषण इसी घर में हुआ था। वे वर्ष 1989 में इंजीनियरिंग करने के लिए आईआईटी खड़गपुर चले गए थे। इसके बाद उनकी जॉब लग गई और कुछ साल बाद वे अमेरिका चले गए। पिचाई ने 20 साल की उम्र तक इस घर में समय बिताया है। आखिरी बार वे अक्टूबर 2021 में चेन्नई आए थे। अब वे माता-पिता के साथ अमेरिका में ही रहते हैं।

4 महीने लगे खरीदने में

रिपोर्ट के अनुसार, जब मणिकंदन ने सुना कि पिचाई का घर बेचा जा रहा है तो उन्होंने तुरंत उसे खरीदने का मन बना लिया। हालांकि इसे खरीदने में उन्हें 4 महीने से ज्यादा समय लग गया। इसकी वजह ये थी कि सुंदर पिचाई के पिता आरएस पिचाई अमेरिका में रहते हैं। इसके बाद मणिकंदन ने फोन से सुंदर पिचाई के पिता से बातचीत की। डील फाइनल होने पर आरएस पिचाई भारत आए और मणिकंदन से मुलाकात की।

पिचाई की तारीफ करने नहीं थक रहे

मणिकंदन गूगल सीईओ सुंदर पिचाई के माता-पिता की विनम्रता के कायल हो गए है। वह तारीफ करते नहीं थक रहे। मणिकंदन ने बताया कि सुंदर पिचाई की मां ने खुद से एक फिल्टर कॉफी बनाई। वहीं, पिचाई के पिता ने पहली ही मीटिंग में उन्हें डॉक्यूमेंट ऑफर कर दिए थे। इतना ही नहीं, मणिकंदन ने कहा कि जब घर का रजिस्ट्रेशन करने के लिए एक तय समय पर ऑफिस पहुंचना था तो उन्हे आने में समय लग गया। इसकी वजह से गूगल के सीईओ के पिता को इंतजार करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने इसका बुरा नहीं माना।

कई बेशकीमती साल पिचाई ने गुजारे

मणिकंदन ने बताया कि जब पिचाई के पिता उन्हें घर के कागजात सौंप रहे थे तो उनकी आंखों में आंसू थे। यह उनकी पहली संपत्ति थी। इसमें उनके परिवार के कई बेशकीमती साल गुजरे थे। अपनी इस संपत्ति से उन्हें विशेष लगाव था। इस घर को खुद से दूर होने की सोचकर वे रो रहे थे। मणिकंदन ने आगे कहा कि मैंने उन्हें समझाया कि सुंदर पिचाई ने देश का नाम बहुत ऊंचा किया है। इसलिए इस घर को मैं उनकी यादगार के तौर पर संभालकर रखूंगा और वे जब चाहे इसे देखने के लिए आ सकते हैं। वहीं, सुंदर पिचाई के पड़ोसियों का कहना है कि जब सुंदर पिचाई दिसंबर में चेन्नई गए थे, तो उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड को कुछ नकदी और घर के सामान दिए थे।

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