‘छत्तीसगढ़ में 5 हजार से अधिक फर्जी पंजीयन’: फर्जीवाड़े की जांच की फाइल गायब, आप आदमी पार्टी का बड़ा आरोप

रायपुर: आम आदमी पार्टी ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कई गंभीर आरोप लगाए हैं। आप ने गुरुवार को अपने पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार को घेरा। आम आमदी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं।

उन्होंने बताया कि बालोद के ग्राम भैंसबोड़ में एक शटर लगे घर में सरकारी उपस्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है। डौंडी ब्लॉक के भर्रीटोला में अस्पताल एक स्कूल में संचालित हो रहा है। सिंघोला सामुदायिक भवन 5 सालों से सिंघोला के सरपंच जितेंद्र कुमार नेताम घर में चल रहा था, क्योंकि सरकारी भवन नहीं है। तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश के अस्पताल खुद वेंटिलेटर पर हैं।

‘जवानों के इलाज के लिए अस्पताल नहीं’

उपाध्याय ने कहा कि आज जब बस्तर में नक्सली हमले होते हैं, तो 23 साल बाद भी घायल जवानों का इलाज जगदपुर, बस्तर, बीजापुर, सुकमा में नहीं हो सकता है, क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है। घायलों को सीधे रायपुर लाया जाता है। जहां उनका इलाज सरकारी अस्पताल में नहीं बल्कि प्राइवेट हॉस्पिटल में होता है। उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या 23 साल में आपने एक अपना सरकारी अस्पताल नहीं बना सके जहां घायल सैनिकों का इलाज हो सके। आरोप लगाया कि प्राइवेट अस्पतालों से सरकार का सांठगांठ हैं। उन्होंने आगे कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग में 8420 पद रिक्त हैं। डीकेएस में डॉक्टर नौकरी छोड़कर रहे हैं, इसका कारण यह है सरकार ने उन्हें अबतक नियमित नहीं किया है।

सरकार ने बिना असेस्टमेंट और रेटिंग के ट्रांसफर : सूरज उपाध्याय

आप के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि मेडिकल एसेसमेंट रेटिंग बोर्ड ने आपत्ति ली है कि उनके बिना असेस्मेंट और रेटिंग के आप किसी भी टीचर का ट्रांसफर नहीं कर सकते, लेकिन सरकार ने बिना असेस्टमेंट और रेटिंग के ट्रांसफर किया है, जिससे पीजी की सीटें घट रहीं हैं। मेडिकल कालेजों में तबादलों पर एमसीआई ने आपत्ति ली है और चिकित्सा शिक्षा विभाग पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। छत्तीसगढ़ के शासकीय मेडिकल कालेजों में स्नातकोत्तर मेडिकल सीटों की मान्यता के लिए शासन की ओर से  नेशनल मेडिकल कमीशन को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रायपुर में यह स्थिति है कि एमडी और एमएस की जो सीटें हैं, सरकार की स्थानांनतरण नीति के कारण मेकाहारा में पीजी की सीटें कम होने की स्थिति में आ गई हैं। मेडिसिन विभाग में 5 पद और सर्जरी विभाग में 7 पद रिक्त हैं।

‘गर्भवती महिलाओं को प्रसव की सुविधा नहीं’

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत इतनी खराब है कि किसी की तबीयत खराब हो जाए तो, उसे मीलों दूर जाना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं को प्रसव की सुविधा नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि अगर राजधानी की बात करें तो प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अंबेडकर अस्पताल 1300 बिस्तर का है। रोजाना 2 हजार से ज्यादा ओपीडी, लेकिन सिटी स्कैन और एमआरआई की सिर्फ एक मशीन है, जबकि रोजाना 300 से ज्यादा मरीजों को डॉक्टर एमआरआई और सोनोग्राफी जांच के लिए लिख रहे हैं, ऐसे में दिन भर में महज 20 से 25 मरीजों की जांच हो पाती है। अस्पताल के अधिकारी खुद मान रहे हैं कि स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बेहतर नहीं है।

‘स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बद से बदतर’

सूरज उपाध्याय ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ही हालत बद से बदतर तो है ही, इधर छत्तीसगढ़ फर्जी डॉक्टरों और फार्मासिस्टों का पनाहगाह बन गया है। अन्य राज्यों के फर्जी डॉक्टर भूपेश सरकार की कमजोर सिस्टम की वजह से फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से पंजीयन करा ले रहे हैं। उड़ीसा, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के फर्जी लोग भूपेश सरकार की फेल व्यवस्था की वजह से छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। जो बिना रोकटोक के अस्पताल खोलकर प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। प्रदेश में 5 हजार से अधिक फर्जी पंजीयन हुआ है और लापरवाही का आलम देखिए कि फर्जीवाड़े के जांच की फाइल ही गायब हो गई।

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