एससीओ रक्षा मंत्रियों की अहम बैठक, राजनाथ सिंह ने सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों पर दिया जोर

नई दिल्ली : शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक नई दिल्ली में हो रही है। इसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं। उन्होंने भाषण की शुरुआत एससीओ राष्ट्रों के बीच सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों पर जोर देकर किया।

उन्होंने कहा कि हमारे बीच सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध हैं। युगों से लोगों से लोगों का जुड़ाव रहा है। साथ ही वस्तुओं और विचारों के क्षेत्र में आदान-प्रदान हुआ है, जिसके कारण हम आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से विकसित हुए हैं। बदलते समय के साथ हम उन संबंधों को मजबूत करने का काम करेंगे। राजनाथ ने कहा कि एससीओ एक मजबूत क्षेत्रीय संगठन के रूप में विकसित हुआ है।

इस मौके पर शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों ने दिल्ली में एक साथ तस्वीर भी खिंचवाई। वहीं, चीनी रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू और रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया।

बता दें, इस सम्मेलन में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ वर्चुअल माध्यम से शिरकत कर रहे हैं। ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल शेराली मिर्जो, ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेजा घराई अस्तियानी और कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल रसलान झाक्सिलिकोव सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं।
एससीओ के सदस्य देश भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान हैं। सदस्य देशों के अलावा रक्षा मंत्रियों के इस सम्मेलन में बेलारूस और ईरान सर्वेक्षक देश के तौर पर हिस्सा ले रहे हैं। भारत एससीओ सम्मेलन 2023 की अध्यक्षता कर रहा है। इस बार भारत ने सिक्योर-एससीओ का नारा दिया है।

राजनाथ ने कजाखस्तान, ताजिकिस्तानी रक्षा मंत्रियों संग रक्षा सहयोग पर की वार्ता

वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के मौके पर कजाखस्तान और ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्रियों के साथ अलग-अलग द्विपक्षी बैठकें कीं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कजाखस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल रुसलान झाक्सिल्यकोव और ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल शेराली मिर्जो के साथ विचार-विमर्श के दौरान दोनों देशों के साथ भारत के रक्षा सहयोग की विस्तृत शृंखला की समीक्षा की गई। इस दौरान पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक में आपसी हित के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

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