पुलिया टूटी, ट्रेनें कैंसिल, धान के खेतों में भरा पानी, चक्रवाती तूफान में जमकर मचाया कहर, जानें कब बंद होगी बारिश

रायपुर: छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ठंडी हवाओं का असर दिखाई देने लगा है। चक्रवाती तूफान मोन्था का असर बस्तर संभाल में सबसे ज्यादा दिखाई दे रहा है। चक्रवाती तूफान के कारण बस्तर में अचानक हुई बारिश ने किसानों को परेशान कर दिया है। बेमौसम बारिश के कारण धान की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
बारिश के साथ-साथ तेज हवाओं का भी असर छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रहा है। तेज हवाओं और बारिश के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। जिस कारण से ठंड का असर भी दिखाई दे रहा है।
कोंडागांव में पुलिया बही
कोंडागांव जिले में बुधवार को जोरदार बारिश हुई है। जिले के आदनार गांव में भारी बारिश के कारण बड़को नाला पुलिया टूट गया। पुलिया टूटने से आवागमन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। जानकारी के अनुसार इस पुलिया का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत किया गया था। इस पुलिस के माध्यम से लिंगोंपथ, मर्दापाल, भाटपाल और नारायणपुर जिले जुड़ते थे। लेकिन अब पुलिस टूटने से आवाजाही बंद हो गई है।
बस्तर से जाने वाली 2 ट्रेनें रद्द
दंतेवाड़ा, बीजापुर, जगदलपुर, सुकमा और नारायणपुर में बारिश हो रही है। बारिश के साथ-साथ यहां ठंडी हवाएं भी चल रही है। तूफान के कारण ओडिशा और आंध्र प्रदेश तक चलने वाली 2 यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया गया गै। विशाखापट्टनम से छूटने वाली ट्रेन संख्या 18515 विशाखापट्टनम-किरंदुल नाइट एक्सप्रेस ट्रेन रद्द हो गई है। इसके साथ ही किरंदुल से छूटने वाली ट्रेन संख्या 18516 किरंदुल-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस ट्रेन रद्द रहेगी।
दुर्ग में किसानों को नुकसान
दुर्ग जिले में लगातार बदलते मौसम के कारण किसानों को नुकसान हो रहा है। धान की फसल पक गई है लेकिन बारिश के कारण कटाई नहीं हो पा रही है। तेज हवाओं के कारण बड़ी मात्रा में धान खेतों में गिरने लगी है। दुर्ग, पाटन, धमधा, अहिवारा और भिलाई-3 के ग्रामीण इलाकों में किसान इन दिनों अपनी फसल बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
कब तक रहेगा ऐसा मौसम
मौसम विभाग के अनुसार, अक्टूबर के आखिरी हफ्ते तक बारिश का दौर जारी रहेगा। मौसम विभाग ने कहा कि नवबंर के पहले सप्ताह में तूफान का असर राज्य से खत्म हो जाएगा। इसके बाद राज्य में कड़ाके का दौर शुरू हो जाएगा।