कॉपर-टी लगाते ही बिगड़ी महिला की हालत : आम्बेडकर अस्पताल में हुई महिला की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

रायपुर । प्रसव के बाद कॉपर-टी लगाते ही मंदिर हसौद सामुदायिक स्वास्थ्य कैंद्र में नवविवाहिता पूनम जोशी की अत्याधिक रक््तस्त्राव से हालत बिगड़ गई। गंभीर हालत में उसे आंबेडकर अस्पताल रेफर किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि प्रसव सामान्य तरीके से हुआ मगर उनकी सहमति के बाद कॉपर-टी लगाने के दौरान लापरवाही बरती गई जिससे हालत बिगड़ गई और चिकित्सकीय स्टाफ ने मामला दबाने के लिए उसे आंबेडकर अस्पताल रेफर कर दिया। ग्राम बखतरा के उपेन्द्र भारती ने बताया कि छतौना में रहने वाले भाई चंद्रकांत जोशी की 26 वर्षीय पत्री पूनम जोशी को प्रसव के लिए मंदिर हसौद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था।
वहां उसकी नार्मल तरीके से डिलीवरी हुई, जिसकी जानकारी परिजनों को दी गई। इसके बाद चिकित्सकीय स्टाफ ने लापरवाही बरती और पति सहित अन्य परिवारवालों को जानकारी दिए बिना पूनम को कॉपर-टी लगा दी। आरोप है कि इसके बाद पूनम की हालत बिगड़ गई और उसे ब्लीडिंग होने लगी जो रुकने का नाम नहीं ले रही थी। पूनम काफी गंभीर हो गई और मामला हाथ से निकलता देखा, तो वहां के स्टाफ ने अस्पताल की गाड़ी से उसे आधी रात आंबेडकर अस्पताल रेफर कर दिया। वहां के डाक्टरों ने आपात स्थिति को देखते हुए पूनम का इलाज शुरू किया, मगर कुछ घंटे के बाद ही उसकी मौत हो गई। परिवार वालों का आरोप है कि वहां के चिकित्सकीय स्टाफ ने पूनम के इलाज में काफी लापरवाही बरती, जिससे उसकी मौत हो गई।
डॉक्टरों ने देर से लाने पर जताई नाराजगी
परिवार वालों ने बताया कि जब पूनम को लेकर वे आंबेडकर अस्पताल पहुंचे, तो उसकी हालत बेहद गंभीर हो गई थी। प्राथमिक जांच के बाद वहां के डाक्टरों ने परिजनों के सामने क्रिटिकल कंडीशन होने के बाद पूनम को अस्पताल लाने पर नाराजगी जताई। परिजनों ने सीएचसी स्टाफ की लापरवाही के बारे में उसे बताया, जिसके बाद उसका इलाज शुरू किया गया। पूनम की जान बचाने की काफी कोशिश की गई, मगर सफलता नहीं मिली। उपेन्द्र भारती ने कहा कि इस लापरवाही की जांच कर दोषी चिकित्सकीय स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
एचबी बेहद कम था लापरवाही नहीं हुई
इस मामले में मंदिर हसौद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉ. भाग्य लक्ष्मी अनंत ने कहा कि, जब पूनम को अस्पताल लाया गया, तो उसका एचबी बेहद कम था। परिवार वालों न बताया था कि पूनम को 5 दिन से सर्दी-खांसी की समस्या थी। परिजनों को कॉपर-टी लगाने की जानकारी स्टाफ द्वारा दी गई थी और रेफर के बारे में बताया गया था। मामले में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई है।