सरकार बताये 14वां मंत्री बनाने की विधिवत अनुमति कब लिया गया : भूपेश बघेल

रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज मंत्री मंडल का विस्तार हुआ। मंत्री मंडल में एक मंत्री सरगुजा से एक मंत्री दुर्ग जिले से और एक मंत्री रायपुर जिले से बनाये गये है और सारे वरिष्ठ नेता एक लाईन से खड़े थे। वरिष्ठ नेता बहुत ही काबिल थे, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, धरमलाल कौशिक, अमर अग्रवाल, धर्मजीत सिंह, विक्रम उसेंडी, लता उसेंडी, सभी वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर दिया गया। तीनो नये मंत्रियों को बधाई एवं शुभकामनाये।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा में मंत्री मंडल एक मजाक बन गया है। नियम है कि सरकार में 15 प्रतिशत ही मंत्री बन सकते है। जब हमारी सरकार थी तब हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। क्योकि छत्तीसगढ़ भगौलिक दृष्टि से और विभागीय कार्यो को संपादित करने के लिये एक मंत्री को बढ़ाया जाये, लेकिन उसकी अनुमति नहीं मिली और भाजपा नियम विरूद्ध मंत्रियो की संख्या में वृद्धि किया है। प्रश्न यह है कि मंत्रिमंडल का आकार 14 हो गया है, क्या उसकी अनुमति मिली है? क्या भारत सरकार ने मंत्री मंडल बढ़ाने की अनुमति दी है? यह भाजपा के लोगों को बताना चाहिये। मंत्री मंडल की अनुमति मिली है तो अच्छी बात है, नही तो यह गलत परंपरा है और असंवैधानिक है। क्या मंत्री पद बढ़ाने की गजट नोटिफिकेशन किया गया था, इसका जवाब सरकार को देना चाहिये।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जिस प्रकार से मंत्री मंडल में सदस्य अनुपस्थित रहे उससे स्पष्ट होता है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में नाराजगी है। भाजपा में अपने वरिष्ठ नेताओं का कोई परवाह नहीं है और सारे सीनियर लीडर को दरकिनार कर दिया गया। इससे स्पष्ट है कि भाजपा के इन नेताओं का राजनैतिक भविष्य संकट में है। बृजमोहन अग्रवाल को विधानसभा से हटाकर लोकसभा भेज दिया गया। एक तरह से यह वनवास है। छत्तीसगढ़ की सरकार दिल्ली से चलती है। भाजपा ने वरिष्ठ नेताओं का कोई सम्मान नहीं किया। दिल्ली में 2 लोग बैठकर छत्तीसगढ़ की सरकार चला रहे है।

लोकसभा में गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को हटाने संबंधी तीन विधेयकों पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा,“ये कानून पास होने के बाद पूरे देश के मंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री सब उनके कंट्रोल में हो जाएगा, क्योंकि आज ऐसी व्यवस्था है कि कोई ऐसी धारा लगा दे तो आपको लोवर कोर्ट में बेल नहीं मिलेगा। तो फिर अगर बेल मिलने में 3 महीने लग गए तो वो तो मंत्रिमंडल से गया। इसका मतलब है कि सरकार विपक्ष को समाप्त करने के लिए ये कानून बना रही है।

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