कुत्ते का जूठा खाना बच्चों को परोसने पर हाई कोर्ट नाराज, लापरवाही को बताया गंभीर अपराध, मांगा व्यक्तिगत हलफनामा

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के पलारी ब्लाक स्थित लच्छनपुर के सरकारी मिडिल स्कूल में कुत्ते द्वारा जूठा किया गया भोजन 83 विद्यार्थियों को परोसने की घटना पर हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने इस घटना को गंभीर लापरवाही बताते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.
कुत्ते का जूठा खाना बच्चों को परोसा
समाचारों में दावा किया गया कि 28 जुलाई 2025 को स्कूल में मिड-डे मील के तहत बच्चों को वह खाना परोसा गया, जिसे आवारा कुत्ता पहले ही जूठा कर चुका था. जब छात्रों ने यह बात अभिभावकों को बताई तो स्कूल समिति की बैठक हुई और दबाव में आकर 83 छात्रों को दो डोज एंटी रेबीज वैक्सीन दी गई. प्रकाशित खबर के अनुसार 84 बच्चों ने भोजन किया, जिसमें 78 को वैक्सीन दी गई, जबकि एक मीडिया ने 83 बच्चों को वैक्सीन दिए जाने की बात कही.
हाई कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, छात्रों को परोसा जाने वाला भोजन कोई औपचारिकता नहीं है, यह गरिमा के साथ होना चाहिए. कुत्ते द्वारा जूठा भोजन परोसना न सिर्फ घोर लापरवाही है बल्कि बच्चों की जान को सीधा खतरे में डालना है. एक बार रेबीज हो जाने पर इलाज संभव नहीं होता. कोर्ट ने घटना को गंभीर प्रशासनिक विफलता और अमानवीय कृत्य करार दिया और राज्य सरकार से पूछा कि, क्या सभी छात्रों को समय पर एंटी रेबीज वैक्सीन दी गई है. स्व-सहायता समूह और शिक्षकों पर क्या कार्रवाई हुई. क्या छात्रों को मुआवजा दिया गया. भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने क्या ठोस उपाय किए जाएंगे.
19 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
शिक्षा सचिव को अगली सुनवाई (19 अगस्त 2025) तक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करना होगा. कोर्ट ने माना कि इस घटना से राज्य सरकार की योजनाओं और बच्चों के जीवन को सीधा खतरा पहुंचा है. यह मामला स्वत: संज्ञान जनहित याचिका के तहत चल रहा है. इससे पहले कोर्ट द्वारा नियुक्त आयुक्त की रिपोर्ट पर महिला एवं बाल विकास विभाग और जिला प्रशासन, बालोद से भी व्यक्तिगत हलफनामा मांगा गया था.