महतारी वंदन योजना में अपात्रो को लाभ : महिला एवं बाल विकास विभाग ने शुरू की वसूली, 21 लाख वसूले

रायपुर। केंद्र सरकार की महतारी वंदन योजना का लाभ थोक में शासकीय कर्मचारियों ने उठाया है इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग अब इस योजना के तहत एक हजार रुपए लेने वाले कर्मचारियों से राशि वसूल करना शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत विभिन्न विभागों में पदस्थ कई महिला कर्मचारी, कई पुरूषों की पत्नी एवं बेटियां भी शामिल हैं। इसके अलावा रिटायर हो चुके कई पेंशनधारी भी हैं जो इस योजना का लाभ ले रहे थे।
बताया गया है कि, ये सभी शासकीय कर्मचारियों के बैंक खातों में एक वर्ष पांच महीनों तक लगातार योजना के तहत एक हजार रुपए ट्रांसफर हुआ है। विभाग ने अब इन सभी कर्मचारियों की सूची बनाई है, जिसके आधार पर योजना की राशि वापस उनसे वसूल की जा रही है। इनसे 21 लाख की वसूली होगी, बोहनी चार लाख रुपए से हो चुकी है।
मृत हितग्राहियों के खातों में भी ट्रांसफर हो रही थी राशि, रोकी गई
योजना का लाभ लेने वाली कई हितग्राहियों की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उनकी मृत्यु की जानकारी हितग्राही के परिजनों द्वारा विभाग में नहीं दी गई, जिसके कारण योजना की राशि मृत हितग्राही के खाते में हर महीने ट्रांसफर होती रही। भौतिक सत्यापन में इसकी जानकारी मिलने पर विभाग ने इनकी राशि पर भी रोक दी है। रायपुर जिले में ऐसी हितग्राहियों की संख्या लगभग दो हजार थी।
राज्य में यह आकड़ा कई गुना ज्यादा
गलत जानकारी देकर इस योजना का लाभ उठाने वाले शासकीय कर्मचारियों का यह आंकड़ा राज्य में जिले की तुलना में कई गुना ज्यादा है। सूत्रों के अनुसार प्रदेशभर में इस योजना का लाभ लेने वाली शासकीय कर्मचारियों की सूची बनाई गई है, जिसके आधार पर उनसे जिला स्तर पर योजना की राशि वसूल की जा रही है।
बिना जांच-पड़ताल के दे दी गई स्वीकृति
इस योजना के तहत पात्र हितग्राही के चयन के लिए नियम बनाए गए हैं। इन नियमों के तहत ही पात्र हितग्राहियों के आवेदनों को स्वीकृति देकर उन्हें योजना का लाभदिया जाना था, लेकिन विभाग की बड़ी चूक के कारण शासकीय कर्मचारियों और उनके परिवार की महिला सदस्यों को भी इस योजना में शामिल कर उन्हें कई महीनों तक लाभ दिया गया है।
128 में 42 महिला कर्मचारी
आकड़ों के अनुसार, रायपुर जिले में महतारी वंदन योजना के तहत 128 कर्मचारियों ने 17 महीनों तक इस योजना का लाभउठाया है। इन कर्मचारियों में 42 शासकीय महिला कर्मचारी हैं जो विभिन्न विभागों में पदस्थ हैं। इन महिलाओं ने योजना का लाभ लेने आवेदन फार्म में गलत जानकारी भरी थी। इसके अलावा 78 महिलाएँ ऐसी हैं जिनके पति शासकीय सेवा में पदस्थ हैं, वहीं 6 कर्मचारी अपनी 6 बेटियों को योजना का लाभदिला रहे थे। 2 पेंशनधारी महिलाएं भी हैं जो इसका लाभ ले रही थीं। इस तरह 128 कर्मचारी लगभग 17 महीनों तक इस योजना का लाभ लिए है।