छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार केरल की ननें जेल में ही रहेंगी, सेशन कोर्ट ने कहा-एनआईए कोर्ट में दायर करें याचिकाएं

दुर्ग : दुर्ग रेलवे स्टेशन से जीआरपी  रेलवे पुलिस ने दो ननो को धर्मातरण और ह्यूमन ट्रेकिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है. इस मामले में कोर्ट ने दोनों नैनों को न्यायिक अभियान में दुर्ग जेल भेज दिया है, इस मामले में नन पक्ष के वकील ने लोअर कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया उसके बाद फिर सेशन कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई, जिस पर दुर्ग कोर्ट के एडीजे अनीश दुबे सुनवाई करते हुए कहा कि यह केस हमारे जुडिशल में नहीं आता. आप बिलासपुर एनआईए कोर्ट में जाकर जमानत याचिका लगाइये, क्योंकि यह मामला एनआईए एक्ट का है और यह कहते हुए जज ने ननो की जमानत याचिका खारिज कर दी.

सेशन कोर्ट ने कहा- एनआईए कोर्ट में दायर करें याचिकाएं

दुर्ग कोर्ट के वकील रविशंकर सिंह ने बताया कि आज सेशन कोर्ट में नन पक्ष के वकीलों ने जमानत याचिका लगाई थी, क्योंकि उसे कोर्ट के जज छुट्टी में थे तो इस केस पर सुनवाई करते हुए एडीजे अनीश दुबे ने कहा कि मुझे यह बेल सुनने का अधिकार नहीं है क्योंकि यह एनआईए एक्ट में आता है और जो कोर्ट है वह बिलासपुर में है. इस पर आरोपी पक्ष के वकील ने कहा सर मैं यह कैसे मानू मेरा आदमी तो यहां पर अंदर है, इसके बाद जज साहब ने कहा ठीक है. मैं यह सब लिखकर जमानत याचिका निराकृत कर देता हूँ, आप जाइए वहां पर 439 बेल एप्लीकेशन लगाइए. बिलासपुर में वहां से डायरी कॉल होगी तब आप जाइयेगा, और जज साहब ने पुलिस को कहा कि आप लोग ये सारे मामले में 15 दिन में केंद्र सरकार से मंजूरी लेकर उसमें अपराध पंजीबद करके उनको जानकारी देकर अपराध पंजीकृत करके केंद्र सरकार से मंजूरी लीजिये और बिलासपुर एनआईए कोर्ट में दाखिल करिए.

कांग्रेस विधायक रोजी जॉन ने दी प्रतिक्रिया

इधर नन की तरफ से आए केरल के कांग्रेस विधायक रोजी जॉन ने कहा कि दुर्ग सेशन कोर्ट ने यह कहकर हमारी जमानत याचिका खारिज कर दी की यह केस हमारे जुडिशल में नहीं आता आप एनआईए कोर्ट जाइये, हम लीगल टीम से बात करके आगे की कार्रवाई करेंगे चाहे हमको एनआईए कोर्ट जाना पड़े या फिर हाई कोर्ट…

क्या है पूरा मामला?

मामला छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का है. 25 जुलाई 2025 को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कंवर्जन (धर्मांतरण) की आशंका जताते हुए जमकर प्रदर्शन किया था. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि दो नन सिस्टर और एक युवक ने छत्तीसगढ़ की तीन आदिवासी युवतियों को बहला-फुसलाकर उत्तर प्रदेश के आगरा ले जा रहे थे, जहां उनके कंवर्जन की योजना थी. इस हंगामे की जानकारी मिलते ही GRP मौके पर पहुंची. इस दौरान पुलिस ने मौके से दो नन और युवक को धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.

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