तेंदूपत्ता घोटाला मामले में वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, 11 प्रबंधकों को किया सस्पेंड

सुकमा : छत्तीसगढ़ के तेंदूपत्ता घोटाला मामले में वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. वन विभाग ने इस घोटाले में फंसे 11 प्रबंधकों को सस्पेंड कर दिया है. इस मामले की जांच में फर्जी भुगतान की पुष्टि हुई.

वन विभाग ने तेंदूपत्ता घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई की है. वन विभाग ने तेंदूपत्ता घोटाले में फंसे 11 प्रबंधकों की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए है. इस मामले की जांच में फर्जी भुगतान की पुष्टि हुई है. इसके बाद बिना मोहलत के सीधे सेवा समाप्ति, विभाग का सख्त रुख, 11 प्रबंधकों को कार्य से पृथक कर समिति को भंग कर दिया गया है.

इसमें सुकमा, फूलबगड़ी, दुब्बाटोटा, जगरगुण्डा, मिचीगुड़ा, बोड़केल, कोंटा, जग्गावरम, गोलापल्ली, किस्टाराम एवं पालाचलमा समिति शामिल है. दोषियों पर अब और भी कड़ी की जाएगी.

क्या है तेंदूपत्ता बोनस घोटाला?

बता दें कि 2021-22 में वन विभाग द्वारा तेंदूपत्ता बोनस वितरण में करीब 7 करोड़ रुपए का बोनस राशि घोटाला होने का आरोप है, बीते साल यह राशि तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरण किया जाना था, लेकिन अप्रैल और मई में राशि आहरण करने के बाद भी तेंदूपत्ता प्रबंधकों ने उक्त राशि का भुगतान आदिवासियों को नहीं किया. जब इसकी जानकारी पूर्व विधायक मनीष कुंजाम को मिली, तो उन्होंने इस साल जनवरी महीने में कलेक्टर सुकमा व सीसीएफ से लिखित शिकायत कर पूरे मामले की जांच करने की मांग की.

शिकायत के बाद कलेक्टर सुकमा व वन विभाग ने दो अलग-अलग टीमें गठित कर जांच के निर्देश दिए. जांच टीम ने नक्सल प्रभावित इलाकों में तेंदूपत्ता संग्राहकों से बयान लिए, जिसमें सुकमा के तत्कालीन डीएफओ अशोक पटेल की संलिप्तता उजागर हुई.

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