मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा छत्तीसगढ़ में पंजीयन की 10 क्रांति का शुभारंभ

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नया रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में पंजीयन की 10 क्रांति के अंतर्गत रजिस्ट्री प्रक्रिया में टेक्नोलॉजी आधारित दस नवाचारों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, एवं राज्य शासन के अनेक वरिष्ठ अधिकारीगण, चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं क्रेडाई के प्रतिनिधिगण, पंजीयन विभाग के अधिकारी कर्मचारी एवं रजिस्ट्री के पक्षकारगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि सरकार अपने डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में सुशासन की राह में आगे बढ़ रही है। राजस्व से जुड़े कार्यों के लिए अब लोगों को कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। पंजीयन के साथ अब नामांतरण का कार्य भी तत्काल होगा। उन्होंने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड में त्रुटि का असर भूमिस्वामी पर पड़ता है। त्रुटि कोई और करे और भुगतना किसी और को पड़ता है। अब लोगों को इन समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। हमारी सरकार का पहला लक्ष्य सुशासन है। लोगों के जीवन को आसान और सरल बनाना है। एक जन प्रतिनिधि होने के नाते मुझे विगत 35 वर्षों से राजस्व, जमीन मामलों में लोगों के समस्याओं से रूबरू होने का मौका मिला। नामांतरण संबंधी मामलों में मैंने लोगों को सालों महीनों भटकते देखा है। ऑटो म्यूटेशन से इस समस्या का प्रभावी निराकरण हो गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ऑफलाईन व्यवस्था को बंद कर ऑनलाईन करते हुए सरकार भ्रष्टाचार के रास्ते बंद कर रही है। कोयला, आबकारी सेक्टर में किए गए सुधारों की तर्ज पर भूमि पंजीयन की प्रक्रिया में रिफार्म किया गया है। इससे आम जनता को राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहां सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया गया है। राज्य सरकार सभी स्तर पर डिजिटल गवर्नेस को अपना कर सुशासन स्थापना की दिशा में कार्य करते हुए शासकीय काम-काज में पारदर्शिता ला रही है। साथ ही शासकीय योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर इनका लाभ आमजन तक समय पर पहुंचा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म पर जोर देते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने तकनीक को बढ़ावा देकर नागरिक सेवाओं की डिलीवरी को आसान बनाने का जो रास्ता दिखाया है, उस पर अग्रसर होते हुए राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में लगातार रिफार्म कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले रजिस्ट्री और नामांतरण के लिए लोगों को महिनों चक्कर लगाना पड़ता था। अब ये कार्य मिनटों में होंगे।

इस दौरान मुख्यमंत्री जी ने रजिस्ट्री ऑफिस नवा रायपुर में उपस्थित लाभार्थी पक्षकारों से लाइव कॉन्फ्रेंसिंग भी किया, बातचीत किया और उनसे उनकी प्रतिक्रिया फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर आज रजिस्ट्री कराने वाले लोगों से वीडियो कान्फ्रेंस से चर्चा की। बालोद जिले के सनौद गांव के मोहनलाल साहू ने कहा कि पहले रजिस्ट्री कराने के लिए हफ्ता-दो हफ्ता चक्कर लगाना पड़ता था। रजिस्ट्री कराने में सुबह से शाम हो जाती थी। आज अपने बेटे के नाम से 1700 वर्गफुट जमीन की रजिस्ट्री कराने में 15-20 मिनट लगा। मुख्यमंत्री के पूछने पर बताया कि रजिस्ट्री के साथ नामांतरण भी हो गया है। पक्षकार मोहनलाल साहू ने माननीय मुख्यमंत्री जी को बताया कि इसके पहले रजिस्ट्री के बाद नामांतरण के लिए उन्हें महीनों तहसीलदार, पटवारी ऑफिस के चक्कर लगाते रहना पड़ता था । रायपुर के अयूब अहमद ने बताया कि पहले नामांतरण कराने में 2-3 महीना लगता था। आज जल्द रजिस्ट्री हो गई साथ ही नामांतरण भी हो गया। श्री अय्यूब अहमद ने बताया कि नामांतरण नहीं होने के कारण उसकी एक जमीन तीन बार फर्जी रजिस्ट्री से बिक गई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर मंत्री तथा राजस्व मंत्री को इसके लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए वित्त और पंजीयन मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि बिना टेक्नोलॉजीकल इनोवेशन के कोई भी सभ्यता और कोई भी राष्ट्र प्रगति नहीं करता। हमारी सरकार टेक्नोलॉजीकल इंटरवेंशन के द्वारा रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान और सुगम बनाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने बताया कि एक आम आदमी जीवन में एक दो बार ही रजिस्ट्री करता है और यह बहुत खुशी का क्षण होता है, अतः रजिस्ट्री ऑफिस से निकलते समय उनका अनुभव श्रेष्ठ प्रसन्नता भरा होना चाहिए, जो जटिल प्रक्रिया के वजह से अमूमन नहीं होता था। मंत्री बनने के तुरंत बाद मैने अपने अधिकारियों को रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल आसान बनाने का लक्ष्य दिया था, ताकि लोगों को रजिस्ट्री की जटिल प्रक्रिया से राहत मिले। महानिरीक्षक पंजीयन श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के नेतृत्व में टीम विगत सवा साल से कड़ी मेहनत कर रही थी। सर्वप्रथम सुगम ऐप लॉन्च किया गया। जिसके माध्यम से जमीन का अक्षांश देशांतर की स्थिति और भूमि की वास्तविक अवस्थिति दर्ज हो जाता है। विभाग में प्रचलित रजिस्ट्री अधिनिमय 1908 का बनाया गया था तथा इसका विषयवस्तु वर्तमान समय की जरूरतों से मेल नही खाता था जैसे कि गोदनामा विलेख पंजीयन प्रावधान में केवल पुत्र शब्द था क्योकि उस समय पुत्री के गोद लेने का प्रचलन नही था। हमने रजिस्ट्री नियम का व्यापक अध्ययन कर इसके प्रावधानों को वर्तमान के जरूरतों के अनुरूप अनूकूलन करते हुए 93 धाराओं में से 35 संशोधन विधान सभा में पारित किया। रजिस्ट्री प्रक्रिया में टेक्नॉलाजी का अधिक से अधिक समावेश करते हुए और मानवीय हस्तक्षेप को सीमित करते हुए ये 10 नये क्रांतियुक्त नवाचार विकसित किये गये हैं।

वाणिज्यिक कर मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि सरकार ने पंजीयन विभाग में अनेक सुधार किये हैं। अब आमजनता को काम के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नही पड़ेगी। फर्जी रजिस्ट्री को शून्य करने का अधिकार पंजीयन महानिरीक्षक को दिया गया है। पारिवारिक दान, हक त्याग और बंटवारे पर पंजीयन शुल्क केवल 5 सौ रुपए कर दिया गया है। डिजिटल गवर्नेस को बढ़ावा देते हुए सुगम एप के माध्यम से 2 लाख से अधिक संपत्तियों की जियो टैगिंग सुनिश्चित की गई है। इससे संपत्ति की पहचान और सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। गाइडलाइन मूल्य से अधिक विक्रय पर पंजीयन शुल्क माफ कर मध्यम वर्ग को राहत प्रदान की गई है। विभागीय सेटअप बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का विजन है सरकार वहां तक पहुंचे जहां आम आदमी है और वह भी सरलता के साथ। डिजिटल गवर्नेस का बेहतरीन उदाहरण इन 10 क्रांतिकारी पहल में है जो पंजीयन विभाग के माध्यम से किए गए हैं।

सभा को राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग का 90 प्रतिशत लंबित प्रकरण नामांतरण का ही होता है, अब ऑटो म्यूटेशन होने के पश्चात् राजस्व विभाग का कार्य भार एकदम से कम हो जाएगा, जिसके कारण विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारीगण अन्य बाकी काम को बहुत ही सक्षमता से कर पाएंगे।

मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश में कई क्रांति पहले भी हुई है जैसे हरित क्रांति, परन्तु आज यहां जो क्रांति हो रही है, वह सरकारी विभाग में जनता के कामों को आसान और सुगम बनाने की क्रांति है। जो माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए सुशासन के विजन तथा वित्त मंत्री के मार्गदर्शन एवं निरंतर मानिटरिंग से संभव हो पाया है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रीमती अलरमेल मंगई डी, सचिव, वाणिज्यिक कर पंजीयन द्वारा 10 नये कांतिकारी परिवर्तनों के विषय में विस्तार से बताया गया तथा 10 सुधारों का वीडियो प्रस्तुतिकरण किया गया ।

1- आधार आधारित प्रमाणीकरण सुविधा – पंजीयन साफ्टवेयर को आधार लिंक किया गया है, पंजीयन के समय क्रेता-विक्रेता एवं गवाहों की पहचान आधार रिकार्ड के माध्यम से की जाएगी जिससे गलत व्यक्ति को खड़े कराकर पंजीयन नही हो सकेगा। आम जनता को फर्जीवाडे का शिकार नही होना पड़ेगा।

2- ऑनलाईन सर्च एवं डाउनलोड की सुविधा – आम आदमी वर्षों की जमा पूंजी लगाकर स्वयं का घर खरीदते है, इसलिए संपत्ती खरीदने से पहले पूरी जांच पड़ताल आवश्यक है। अभी रजिस्ट्री की जानकारी के लिए पंजीयन कार्यालय में स्वयं या वकील के माध्यम से उपस्थित होकर सर्च करना पड़ता है, ऑनलाईन सर्च का प्रावधान होने से खसरा नंबर डालते ही उस खसरे के पूर्व के समस्त लेनदेन की जानकारी एक क्लिक पर प्राप्त हो सकेगी।

3- भारमुक्त प्रमाण पत्र की सुविधा –  भार मुक्त प्रमाण पत्र एक बहुत ही आवश्यक प्रमाणपत्र है जो संपत्ति खरीदने के पूर्व  उसकी जानकारी उपलब्ध कराता है।  यह प्रमाणपत्र अब आनलाइन ही प्रदाय किया जा सकेगा।

4- एकीकृत कैशलेस भुगतान की सुविधा– पहले रजिस्ट्री कराने के लिए स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क का अलग अलग जगह और समय पर भुगतान करना पड़ता था। अब स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क को एक साथ लिये जाने के लिए एकीकृत कैशलस सिस्टम तैयार किया गया है। स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क का एकसाथ सुविधानुसार क्रेडिट डेबिट कार्ड, पी०ओ०एस० मशीन, नेट बैंकिंग अथवा यू०पी०आई से फीस का भुगतान हो सकेगा।

5- व्हाट्सएप मैसेज सर्विसेज – व्हाट्सएप आज के समय में सर्वाधिक उपयोग हो रहा सोशल मीडिया प्लेटफार्म है। पंजीयन कराने वाले क्रेता-विक्रेता को अपाईन्टमेंट सहित पंजीयन होने तक सभी प्रकार के अपडेट एवं एलर्ट व्हाट्सएप में ही प्राप्त होंगे। रजिस्ट्री की प्रति भी व्हाट्सएप से ही डाउनलोड हो जायेगी। इस सुविधा के माध्यम से फीडबैक एवं शिकायतें भी व्हाट्सएप के माध्यम से की जा सकेंगी।

6- डिजीलॉकर की सुविधा – रजिस्ट्री दस्तावेजों को डिजिलॉकर में सुरक्षित स्टोर किया जाएगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर पक्षकार को आसानी से डिजीटल प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध हो जाए।

7- आटो डीड जनरेशन की सुविधा – जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपर लेस बनाया गया है। ऑनलाईन दस्तावेज प्रारूप का चयन कर पक्षकार और संपत्ति विवरण दर्ज करने पर स्वतः ही दस्तावेज तैयार हो जाएगा। वही दस्तावेज पेपरलेस होकर उप पंजीयक को ऑनलाइन प्रस्तुत होगा।

8- डिजीडॉक्यूमेंट की सुविधा – कुछ दस्तावेज जिसमें स्टाम्प लगाना आवश्यक है, परन्तु पंजीयन अनिवार्य नही है जैसे कि शपथ पत्र, अनुबंध पत्र ।इनका प्रारूप ऑनलाईन डिजीडॉक्यूमेंट से तैयार कर स्टाम्प शुल्क भी डिजीटल रूप से चुकाया जा सकेगा। दस्तावेज तैयार करने और स्टाम्प के लिए अलग-अलग जगह जाने की आवश्यकता नहीं है।

9- घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा – जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपरलेस किया गया है। दस्तावेज का प्रारूप चयन करने से ऑनलाईन दस्तावेज तैयार हो जाएगा स्टाम्प और पंजीयन फीस ऑनलाईन चुकाकर पक्षकार पंजीयन के लिए अपाइन्टमेंट लेकर घर बैठे ही आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से पंजीयन करा सकेंगे। रजिस्ट्री पूर्ण होते ही दस्तावेज स्वतः ही ऑनलाइन प्राप्त हो जाएगा।

10- स्वतः नामांतरण की सुविधा इत्यादि – अचल संपत्ति खरीदने के लिए पंजीयन कराया जाता है। उसके बाद उसे राजस्व रिकार्ड में अद्यतन कराना पड़ता हैं, नामांतरण की इस प्रक्रिया में महीने लग जाते थे, इस बीच वही  संपत्ति अन्य को बेच दिये जाने पर पीड़ित पक्षकारों को न्याय के लिए वर्षों इंतजार करना पड़ता है। अब पंजीयन के तुरंत बाद ही स्वतः नामांतरण होने से न केवल समय की बचत होगी बल्कि आम जनता को फर्जीवाडे का शिकार भी नही होना पड़ेगा। अंत में महानिरीक्षक पंजीयन के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर कार्यक्रम का समापन किया गया ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button