उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आगामी योजनाओं में बस्तर और सरगुजा अंचल के आदिवासी युवाओं को विशेष कोर्स और प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही महिलाओं के लिए स्वरोजगार एवं उद्यमिता प्रशिक्षण केंद्र खोलने की भी तैयारी है। उन्होंने बताया कि विभिन्न बड़ी कंपनियों से एमओयू कर निवेश और रोजगार के अवसर लाने की दिशा में काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्किल और इंडस्ट्री को जोड़ना जरूरी है। जब दोनों साथ होंगे तब रोजगार की संभावना अधिक रहेगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्योग (जैसे कृषि, फल-फलियाँ, हस्तशिल्प) में युवाओं को प्रशिक्षित कर नए रोजगार सृजन पर बल दिया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि बस्तर में अब माओवाद का प्रभाव घट रहा है और हम युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जल्द ही ई-हब की शुरुआत करेगी, जहां नवाचार करने वाले युवाओं को प्रोटोटाइप, फंडिंग और मार्केटिंग की सुविधा मिलेगी।
कार्यशाला को कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा सचिव एस. भारती दासन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में युवाओं के लिए मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 4.83 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिनमें से 2.66 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार भी मिला है।
नीति आयोग की प्रोग्राम निदेशक डॉ. सोनिया पंत ने कहा कि नीति आयोग का ‘राज्य समर्थन मिशन’ राज्यों को उनकी आर्थिक व सामाजिक विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में तकनीकी सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में वन-आधारित आजीविका कार्यक्रमों को मजबूत करने पर ज़ोर दिया और कहा कि इससे आदिवासी समुदाय की आय में वृद्धि होगी। डॉ. पंत ने बताया कि राज्य-स्तरीय योजनाओं में जनजातीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने एवं उन्हें नई तकनीक और कौशल से जोड़ने पर नीति आयोग हर सम्भव मदद करेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, कौशल विकास तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार के सीईओ विजय दयाराम के. सहित विभागीय अधिकारी तथा बड़ी संख्या में युवा, महिला और जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कौशल विकास के लिए 4 महत्वपूर्ण एमओयू
राज्य के कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आज चार महत्वपूर्ण एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को रोजगारोन्मुख कौशल प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
पहला एमओयू तकनीकी शिक्षा छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण एवं नन्दी फाउंडेशन के बीच हुआ। इस एम.ओ.यू. का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित युवाओं की रोज़गार योग्यताओं को बढ़ाना है। यह कार्यक्रम उन्हें आवश्यक कौशल प्रदान करके उनके आजीविका के साधनों और आर्थिक सुरक्षा में सुधार लाने का प्रयास करता है। इसी तरह दूसरा एमओयू कौशल विकास प्राधिकरण एवं महेन्द्रा एंड महेन्द्रा के बीच हुआ, इस एम.ओ.यू. के अंतर्गत दंतेवाड़ा, बलरामपुर और कोंडागांव जिलों में स्थित लाइवलीहुड कॉलेजों में ट्रैक्टर मैकेनिक पाठ्यक्रम में अल्पकालिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण का संचालन रायपुर स्थित स्टेट प्रोजेक्ट लाइवलीहुड कॉलेज सोसायटी द्वारा किया जाएगा।
तीसरा एमओयू उच्च शिक्षा विभाग और नैसकॉम के बीच हुआ, इस समझौते का उद्देश्य कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकों की जानकारी देकर उन्हें जॉब सीकर से जॉब प्रोवाइडर के रूप में विकसित करना है। यह कार्यक्रम युवाओं को इंडस्ट्री रेडी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इसी प्रकार उच्च शिक्षा विभाग और नन्दी फांउडेशन हैदराबाद के बीच चौथा समझौता हुआ, इस एम.ओ.यू. के तहत महाविद्यालयों के छात्रों को रोजगार परक प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें कुशल और आत्मनिर्भर युवा के रूप में तैयार किया जाएगा।