बीजापुर की पहाड़ियों में नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन, 5 ढेर – लड़ाई चौथे दिन भी जारी

बीजापुर। “ना हौंसले थमे हैं, ना इरादे डगमगाए हैं…” — छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई तेज हो गई है। बीजापुर जिले की कर्रेगुट्टा पहाड़ी आज रणभूमि बनी हुई है, जहां पिछले चार दिनों से अब तक का सबसे बड़ा एंटी-नक्सल ऑपरेशन जारी है। करीब 5000 से ज्यादा जवान इस कठिन अभियान में जुटे हैं और नक्सलियों के कई बड़े नेताओं को चारों ओर से घेरा जा चुका है।
गर्मी भी बनी चुनौती, 15 जवान लू की चपेट में
जहां एक ओर जवान गोलियों से मोर्चा ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भीषण गर्मी और लू उनकी राह में नई चुनौती बनकर खड़ी है। जानकारी के मुताबिक, 15 से ज्यादा जवान लू और डिहाइड्रेशन की वजह से बीमार पड़ गए हैं। उन्हें तुरंत तेलंगाना के वेंकटापुरम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। कई जवानों को पानी और ग्लूकोज जैसी मूलभूत सुविधाएं भी पर्याप्त रूप से नहीं मिल पा रही हैं, जो ऑपरेशन की कठिनाई को और बढ़ा रही है।
ऑपरेशन के अब तक के नतीजे:
- 5 नक्सली मारे गए, जिनमें से 3 के शव और हथियार बरामद किए गए हैं।
- सेना के हेलीकॉप्टर से एरियल बमबारी और फायरिंग कर नक्सलियों को नुकसान पहुंचाया गया है।
- ऑपरेशन में आधुनिक तकनीकों और खुफिया इनपुट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
पहाड़ियों में 100 से ज्यादा नक्सली, बड़े नाम भी शामिल
सूत्रों के अनुसार, नडपल्ली और गलगम पहाड़ी क्षेत्रों में 100 से ज्यादा नक्सली अब भी मौजूद हैं। इनमें नक्सलियों की खतरनाक यूनिट PLGA और कंपनी नंबर-1 के सदस्य शामिल हैं। सबसे अहम बात यह है कि इस क्षेत्र में नक्सलियों के शीर्ष कमांडर हिड़मा, देवा, सहदेव और केशव जैसे बड़े चेहरे भी मौजूद हैं।
क्या है कर्रेगुट्टा की रणनीतिक अहमियत?
बीजापुर की कर्रेगुट्टा पहाड़ी को नक्सलियों ने लंबे समय से अपना गढ़ बना रखा है। यहां जंगलों की घनी आड़ और ऊंची चट्टानों की वजह से सुरक्षा बलों के लिए यह इलाका बेहद चुनौतीपूर्ण बन जाता है। लेकिन इस बार सुरक्षा बलों की रणनीति बेहद सख्त और योजनाबद्ध है।