Kabirdham नक्सलमुक्त घोषित, पुलिस की रणनीति और केंद्र-राज्य सरकार की मुहिम लाई रंग

Kabirdham, कवर्धा। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार को बने अभी सिर्फ 14 माह हुए हैं, लेकिन इस दौरान राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर नक्सलियों के खिलाफ एक व्यापक अभियान छेड़ दिया है। इसका असर साफ दिख रहा है – कबीरधाम, खैरागढ़ और राजनांदगांव जिलों को नक्सलमुक्त घोषित कर दिया गया है।
कबीरधाम जिले में नक्सलियों के खात्मे के लिए 9 सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं। इनकी बदौलत जिले में बीते कुछ वर्षों में कोई बड़ी नक्सली वारदात नहीं हुई है।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और कबीरधाम विधायक विजय शर्मा ने इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव को श्रेय देते हुए कहा कि यह मिशन अमित शाह का संकल्प था, जिसके तहत बड़े और कड़े फैसले लिए गए। उन्होंने नक्सलियों से एक बार फिर आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की।
गौरतलब है कि कबीरधाम जिला एमएमसी (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन में आता है, जहां सीमाएं बालाघाट और मंडला (मप्र) जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से मिलती हैं। हाल ही में सीमावर्ती इलाकों में मुठभेड़ के दौरान दो इनामी महिला नक्सली मारी गई थीं।
सुरक्षा कैंप और सर्च ऑपरेशन का असर
कबीरधाम पुलिस ने बेंदा, कोयलारझोरी, खेलाही, कबीरपथरा समेत 9 स्थानों पर सुरक्षा कैंप स्थापित किए हैं। इन क्षेत्रों में जवान लगातार गश्त और सर्च ऑपरेशन कर रहे हैं। कई बार मुठभेड़ें भी हुई हैं, जिनमें नक्सली ढेर हुए हैं। साथ ही कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज सेवा की राह अपनाई है।
ग्रामीणों में बढ़ा पुलिस पर भरोसा
पुलिस की सक्रियता और ठोस रणनीति से अब ग्रामीणों में भरोसा बढ़ा है। गांव-गांव में नक्सल विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें सक्रिय नक्सलियों की तस्वीरें लगाकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि यदि सुरक्षा कैंप हटा लिए जाएं, तो नक्सल गतिविधियां फिर से सिर उठा सकती हैं।
सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक प्रयास भी
सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, पुलिस अब सामाजिक कार्यों में भी जुटी है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों का संचालन किया जा रहा है और युवाओं को खेल प्रतियोगिताओं के जरिए मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। ये प्रयास नक्सलवाद को जड़ से मिटाने की दिशा में एक बड़ा और मजबूत कदम माने जा रहे हैं।