एमपी में अब जांच एजेंसियों को भी देनी होगी गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की जानकारी, परिजनों को भी बताना होगा

भोपाल : मध्य प्रदेश में पुलिस थानों की तर्ज पर अब जांच एजेंसियों को भी गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की जानकारी देनी होगी. नए नियम के तहत पांच एजेंसियों पर यह आदेश लागू होगा. लोकायुक्त, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, सीआईडी, नारकोटिक्स विंग और साइबर सेल को गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का ब्यौरा देना होगा.
पुलिस मुख्यालय पर देनी होगी जानकारी
अभी मध्य प्रदेश में सिर्फ पुलिस थानों में ही नियम है कि वह गिरफ्तार किए गए संबंधित व्यक्ति के बारे में जानकारी पुलिस थाने में चस्पा करते थे. लेकिन अब यह नियम जांच एजेंसियों पर भी लागू किया गया है. जांच एजेंसियों को भी गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के बारे में जानकारी देनी होगी. संबंधित व्यक्ति को किस मामले में गिरफ्तार किया गया है, उसके ऊपर क्या चार्ज है और इसका भी ब्यौरा देना होगा. ये सभी जानकारी पुलिस मुख्यालय को बतानी होगी. अभी जांच एजेंसियां गोपनीयता भंग होने का हवाला देकर आरोपियों के बारे में जानकारी नहीं देते थे लेकिन अब उन्हें संबंधित गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की जानकारी देनी होगी. लंबे समय से जांच एजेंसियां आरोपियों की गिरफ्तारी करने के बाद उन्हें पेश नहीं करती थी. कई दिनों की पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाता था लेकिन यह प्रक्रिया अब बंद हो जाएगी. भोपाल सहित पूरे प्रदेश भर में सभी जिलों में यह नियम को लागू करने का आदेश जारी कर दिया गया है.
परिजनों को भी देनी होगी जानकारी
कई मामलों में जांच एजेंसियां गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के बारे में उसके परिजनों को भी जानकारी नहीं देती थीं लेकिन अब गिरफ्तार करने के बाद उनके परिजनों को जानकारी देनी होगी. जिससे उनके परिजन कानूनी प्रक्रिया के तहत संबंधित व्यक्ति को कोर्ट से जमानत दिला सके. कई बार लोकायुक्त रिश्वत के मामले में आरोपी को कोर्ट में पेश नहीं करता था. जिसकी वजह से उसे दो-तीन दिन जांच एजेंसी की हिरासत में रहना पड़ता था. जांच एजेंसियों के लिए भी एक तरीके से नियम अच्छा माना जा रहा है क्योंकि पुलिस पर कई बार लेनदेन के भी आरोप लगते थे.