Naxalites in Bastar : बस्तर में नक्सलवाद की कमर टूटने की ओर, लेकिन बच्चों को बना रहे निशाना

Naxalites in Bastar, जगदलपुर। बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में सुरक्षा बलों की कार्रवाई तेज हो गई है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बस्तर में अब मात्र 400 नक्सली कैडर सक्रिय बचे हैं। इस बीच, नक्सलियों ने भर्ती के लिए एक नई रणनीति अपनाई है, जिसमें वे छोटे बच्चों को अपने संगठन में शामिल कर रहे हैं।
मंगलवार को दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमा पर हुई मुठभेड़ में ढेर हुए नक्सली लीडर सुधाकर के पास से बरामद एक पत्र से बड़ा खुलासा हुआ है। पत्र के अनुसार, नक्सली 9 से 11 साल के बच्चों को हथियार थमा रहे हैं और उन्हें बम बनाने की तकनीक सिखा रहे हैं। इसके अलावा, उन्हें गुरिल्ला युद्ध के गुर भी सिखाए जा रहे हैं ताकि वे जंगलों में लड़ाई के लिए तैयार हो सकें।
मुठभेड़ में 25 लाख का इनामी सुधाकर ढेर
मंगलवार को हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 25 लाख के इनामी नक्सली सुधाकर समेत तीन नक्सलियों को मार गिराया। सुधाकर के पत्र से खुलासा हुआ कि हाल ही में नक्सल संगठन में 130 नए लोगों की भर्ती की गई है, जिनमें 40 बच्चे (9-11 वर्ष), 40 किशोर (14-17 वर्ष), और 50 युवा (18-22 वर्ष) शामिल हैं। इन्हें हथियार चलाने और संगठन की विचारधारा की ट्रेनिंग दी जा रही थी, हालांकि नक्सली नेतृत्व को लगता है कि ये नए कैडर अभी पूरी तरह लड़ाई के लिए तैयार नहीं हैं।
बस्तर में तेज हुई नक्सल विरोधी कार्रवाई
सरकार ने 31 मार्च 2026 तक बस्तर से नक्सलवाद के खात्मे का लक्ष्य रखा है। इस वर्ष 2025 में अब तक 100 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें कई शीर्ष नक्सली कमांडर भी शामिल हैं। हालांकि, नक्सली अपने संगठन को बचाने के लिए नई रणनीति अपनाते हुए बच्चों और युवाओं को निशाना बना रहे हैं।