भिलाई में पशुप्रेमी पत्रकार पर हमला, शिक्षक और उसके साथी पर FIR दर्ज

भिलाई। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले पत्रकार समाज की आवाज बनते हैं, लेकिन जब एक पत्रकार पशुओं के प्रति क्रूरता रोकने के लिए हस्तक्षेप करे और खुद ही हिंसा का शिकार हो जाए, तो यह समाज के लिए गंभीर सवाल खड़े करता है। भिलाई में गुरुवार को ऐसी ही एक घटना घटी, जहां पशुप्रेमी और पत्रकार लाभेश घोष पर एक शिक्षक और उसके साथी ने हमला कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के एक प्रतिष्ठित डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल सचिन शुक्ला और उनके पड़ोसी अवनीश कुमार ने पत्रकार लाभेश घोष के साथ गाली-गलौज और मारपीट की। लाभेश ने जब स्मृति नगर क्षेत्र में पशु क्रूरता के खिलाफ आवाज उठाई तो आरोपी ने न केवल उनका मोबाइल छीन लिया, बल्कि शारीरिक हमला भी किया।
शिक्षक ने की हिंसा, पुलिस ने दर्ज किया मामला
इस घटना को लेकर स्मृति नगर चौकी पुलिस ने BNS की धारा 296, 115(2) और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पत्रकारों में इस घटना को लेकर आक्रोश है और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है।
लाभेश घोष का कहना है कि “एक शिक्षक का मुख्य कार्य समाज को नैतिकता, करुणा और अहिंसा का पाठ पढ़ाना है, लेकिन जब खुद शिक्षक ही हिंसा करता है तो यह पूरे समाज और शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाता है।”
पशु क्रूरता के खिलाफ कानूनी प्रावधान
- पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960: किसी भी पशु के साथ क्रूरता गैरकानूनी है और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
- BNS 325: किसी भी पशु को गंभीर चोट पहुँचाना अपराध है, जिसके लिए कठोर दंड का प्रावधान है।
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51(G): यह प्रत्येक नागरिक को पशुओं की देखभाल और सुरक्षा का अधिकार देता है।
न्याय की मांग, समाज के लिए संदेश
लाभेश घोष ने प्रशासन से मांग की कि सचिन शुक्ला और अवनीश कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि एक सामाजिक मुद्दा है। अगर आज हम चुप रहे तो कल यही हिंसा हमारे और हमारे बच्चों के खिलाफ भी हो सकती है।”
उन्होंने समाज से अपील की कि “नैतिकता, करुणा और अहिंसा ही एक सभ्य समाज की नींव है। अगर एक शिक्षक हिंसा को बढ़ावा देगा, तो यह भविष्य की पीढ़ी के लिए गलत उदाहरण पेश करेगा।”
पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए न्याय की मांग की है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।