बिहार के रेड लाइट एरिया में छत्तीसगढ़ की 41 नाबालिगों का रेस्क्यू, मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश

रायपुर। बिहार के रोहतास जिले के नटवार बाजार स्थित रेड लाइट एरिया में पुलिस और एनजीओ की संयुक्त टीम ने छापा मारकर छत्तीसगढ़ की 41 नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया है। इन सभी को जबरन देह व्यापार में धकेले जाने की आशंका है। पुलिस ने इस मामले में पांच दलालों को गिरफ्तार किया है। फिलहाल सभी नाबालिगों को सासाराम स्थित बाल कल्याण समिति में रखा गया है। छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही इन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए विशेष टीम भेजने की तैयारी कर रही है।
तीन अलग-अलग स्थानों से बचाई गईं लड़कियां
बिहार पुलिस के मुताबिक, यह रेस्क्यू ऑपरेशन सिर्फ रोहतास ही नहीं बल्कि तीन अलग-अलग स्थानों पर चलाया गया, जहां से लड़कियों को बरामद किया गया। छत्तीसगढ़ पुलिस को इसकी जानकारी मिलने के बाद नाबालिगों को सुरक्षित वापस लाने के लिए संयुक्त टीम का गठन किया गया है। बचाई गईं लड़कियां छत्तीसगढ़ के जगदलपुर, अंबिकापुर, कोंडागांव, बेमेतरा समेत कई जिलों की रहने वाली हैं।
छत्तीसगढ़ से बिहार जाएगी 27 सदस्यीय टीम
डीजीपी के निर्देश पर रायपुर में पुलिस, श्रम विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की 27 सदस्यीय टीम गठित की जा रही है, जो बिहार जाकर लड़कियों को छत्तीसगढ़ वापस लाएगी। एसएसपी डॉ. लाल उमेंद्र सिंह ने बताया कि बिहार के रोहतास में छत्तीसगढ़ की नाबालिग लड़कियों के फंसे होने की सूचना मिलने के बाद रायपुर पुलिस की महिला अधिकारी, श्रम विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम तत्काल रवाना होने की तैयारी कर रही है।
गुप्त सूचना के आधार पर हुई बड़ी कार्रवाई
बुधवार देर रात पुलिस को सूचना मिली थी कि रोहतास जिले के नटवार थाना क्षेत्र में दूसरे राज्यों से नाबालिग लड़कियों को लाकर डांस और अवैध कार्यों में धकेला जा रहा है। इसके बाद पुलिस ने बाल कल्याण समिति और एनजीओ की मदद से छापा मारा और 41 नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया। इस दौरान पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जो बिहार के निवासी हैं। ये आरोपी लड़कियों के परिवार से संपर्क में रहते थे और उन्हें पैसों का लालच देकर इस दलदल में धकेलते थे।
50 हजार में बेची जा रही थीं बच्चियां
बाल कल्याण समिति के सदस्य गगन पांडे ने बताया कि सभी लड़कियां गरीब परिवारों से आती हैं। संचालकों ने पैसों का लालच देकर इन्हें इस धंधे में फंसाया। कुछ लड़कियों को 50 हजार तो कुछ को 30-40 हजार रुपये में खरीदा गया। कई माता-पिता ने पैसों की चाहत में अपनी बेटियों को नाचने और गलत काम करने के लिए मजबूर कर दिया।
पुलिस अब इस पूरे मानव तस्करी नेटवर्क की गहन जांच कर रही है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है, ताकि इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों को भी पकड़ा जा सके।