bjp ने कांग्रेस पर साधा निशाना : केदारनाथ गुप्ता बोले- भूपेश बघेल ने की वादाखिलाफी, भाजपा कर रही विकास

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में bjp प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने प्रेस वार्ता कर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, अभी हाल ही के दिनों में मुंबई में छत्तीसगढ़ ‘इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट’ का दूसरा चरण आयोजित किया गया। छत्तीसगढ़ को भारत के मुख्य मार्ग पर प्रशस्त करने हेतु सरकार ने कई कदम उठाये हैं। यह इन्वेस्टर्स समिट उनमे से एक है। छत्तीसगढ़ में गुरुवार को प्लास्टिक, कपड़ा, आईटी और खाद्य प्रसंस्करण सहित विभिन्न क्षेत्रों की अग्रणी कंपनियों से 6,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कहा कि बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अमेरिकी महावाणिज्य दूत माइक हैंकी और रूस के महावाणिज्य दूत इवान वाई फेटिसोव के साथ राज्य में स्वास्थ्य, शिक्षा, आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। सीएम विष्णुदेव साय ने राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024-30 का मूलतंत्र न्यूनतम शासन, अधिकतम प्रोत्साहन के आदर्श को दुनिया के सामने रखा। छत्तीसगढ़ को वाणिज्य और विनिर्माण के क्षेत्र में भारत के एक अभिन्न अंग के रूप में प्रदर्शित किया। राज्य की नई औद्योगिक नीति के लागू होने के बाद से छत्तीसगढ़ को रायपुर, दिल्ली और मुंबई में आयोजित इन बैठकों के माध्यम से एक लाख करोड़ से अधिक के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। पिछले साल दिसम्बर 2024 में दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट में प्रदेश को ₹15,184 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव मिले थे। इसमें प्रमुख रूप से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र ने इनमें से 75% प्रस्तावों पर प्रतिबद्धता जताई थी।

निवेश बढ़ाने के लिए उठाए गए नए कदम 

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में निवेश बढ़ाने हेतु भाजपा की सरकार ने कई नवीनतम कदम उठाए है। जंहा कांग्रेस केवल राज्य और भारत को दशकों पहले के जंजाल में धकेलना चाहती है, वही यह भाजपा ही है जो छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ा रहा है। छत्तीसगढ़ को प्रगति की ओर अग्रसर करने के लिए और साथ ही प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के लिए साय सरकार के कई कदम उठाए है, जैसे- अनापत्ति प्रमाण पत्र’ (एनओसी) प्राप्त करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर दिया गया है। अब मंजूरी एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से दी जाती है। जिससे निवेशकों को काफी राहत मिली है।नया रायपुर में एक नए डेटा सेंटर के शुभारंभ की घोषणा की है। जिससे शहर को सूचना और प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में विकसित करने में और मदद मिलेगी। इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ा, खाद्य और कृषि प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए विशेष रियायतें हैं।

118 एकड़ में बनाया जाएगा नया औद्योगिक क्षेत्र 

श्री गुप्ता ने आगे कहा कि, एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, रोजगार और ईपीएफ प्रतिपूर्ति के साथ-साथ 5 से 12 वर्ष की अवधि के लिए प्रशिक्षण व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए आकर्षक प्रोत्साहन शुरू किए गए हैं। बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट के पास 118 एकड़ में नया औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की योजना है। बस्तर और सरगुजा क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ क्षेत्रों में प्रोत्साहन के साथ-साथ लौह और कोयला रॉयल्टी पर 50 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक की छूट शुरू की गई है।  निवेश और रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये के निवेश वाले या 1,000 लोगों को रोज़गार देने वाले उद्योग बेस्पोक पॉलिसी के लिए पात्र है। इस पॉलिसी में 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक स्थायी पूंजी निवेश के प्रावधान शामिल हैं। जिनकी राशि 200 करोड़ रुपये से 450 करोड़ रुपये के बीच है।

युवाओं की उम्मीदों को पूरा करेगी सरकार 

उन्होंने आगे कहा कि, भूपेश बघेल सरकार ने राज्य में निवेश लाने का वादा किया था। लेकिन, उन्होंने इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। उनकी घोषणाओं और वादों की पोल खुल गई जब उन्होंने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का झूठा वादा किया, जो आखिरकार पूरा नहीं हुआ। वो सरकार बस लोगों को बहलाने और झूठे वादों से गुमराह करने में लगी रही, जबकि राज्य के विकास के लिए कुछ भी ठोस काम नहीं हुआ। हमारी सरकार का यह पहल पूरी तरह से प्रगतिशील है, जो राज्य में निवेश को आकर्षित करने के साथ- साथ युवाओं की उम्मीदों को भी पूरा करेगी। पिछले बघेल सरकार ने युवाओं की आकांक्षाओं को कुचला था, लेकिन हमारी योजना में राज्य के विकास के साथ- साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जाएंगे। हम न केवल युवाओं के भविष्य को संवारेंगे, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेंगे, जो बघेल सरकार के समय में लगातार कमजोर होती गई। कांग्रेस हमेशा चाहती है कि जनता गरीब बनी रहे ताकि उसका वोट बैंक सुरक्षित रहे। वह ग़रीबी हटाओ का नारा पचास वर्ष तक चलाती रही। ⁠वह उद्योग-धंधों के खिलाफ और नक्सलियों के पक्ष में है, इसलिए यह चिंता जता रही है कि नक्सल समाप्त होने पर उद्योग धंधे आयेंगे।

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