मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में हुए प्लांट हादसा मामले जांच टीम गठित कर दी गई है। 6 सदस्यीय जांच टीम में सरगांव थाना प्रभारी संतोष शर्मा को टीम पर प्रभारी बनाया गया है। यह टीम 15 दिन के भीतर ही मामले की जांच पूरी करेगी। वहीं जांच करने वाली टीम को इस दौरान अन्य कार्य से मुक्त किया गया है। साथ ही मामले की पुलिसिया जांच उप पुलिस अधीक्षक नवनीत पाटिल के पर्यवेक्षण में होगी। सरगांव के रामबोड़ स्थित कुसुम स्टील प्लांट में हादसा हुआ था।
बीते 9 जनवरी को मुंगेली जिले में रायपुर-बिलासपुर हाईवे पर स्थित एक लोह की फैक्ट्री में बड़ा हादसा हो गया था। जिसमें कुसुम प्लांट में फिट करने के दौरान चिमनी के गिर जाने से कई मजदूर दब गए थे। चिमनी में दबने वालों की संख्या ज्यादा बताई जा रही थी। वहीं इस घटना के बाद पुलिस ने प्रबंधन के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया था। प्लांट इंचार्ज अमित केड़िया, ऑपरेशन मैनेजर अनिल प्रसाद, प्रबंधन एवं अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
बिना सुरक्षा के श्रमिकों से कराया जा रहा था काम
लगभग 30 घंटे से निरंतर जारी रेस्क्यू आपरेशन के बावजूद प्रशासन के तमाम कवायद नाकाम साबित हो रहे थे। 10 जनवरी की शाम 6 बजे तक मौके से एक इंच भी कंटेनर को नहीं हटा सके थे। साइलो स्ट्रेचर फेलियर जैसी गंभीर लापरवाही के बावजूद रेस्क्यू में भी फिर से लापरवाही बरती जा रही थी। बिना सुरक्षा उपकरण के श्रमिकों से काम लिया जा रहा था।
परिजनों ने लगाया था गंभीर आरोप
इंजीनियर जयंत साहू के परिजनों ने संयंत्र प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाये थे। उनका कहना था कि, घटना के बाद भी परिजनों को सूचना नहीं दी गई थी। परिजनों को प्लांट प्रबंधन और प्रशासन गुमराह करते रहे थे। परिजनों ने कहा था कि, जयंत बिना सुरक्षा उपकरण के काम कराए जाने की बात घर में बताता था। घर में कमाने वाला कोई दूसरा सदस्य नहीं है। परिजनों ने कहा था कि, सरकार परिवार की करे परवरिश और पत्नी को दे नौकरी।