रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी और कस्टम मिलिंग के बाद बचे धान को नीलाम करने का निर्णय मंत्रिमंडलीय उप समिति ने लिया है। बताया गया है कि अनुमानित 160 से 165 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होगी। केन्द्रीय और राज्य पूल में 125 लाख मीट्रिक टन धान का निष्पादन हो सकेगा। लगभग अतिशेष 40 लाख मीट्रिक टन धान की नीलामी के लिए निविदा प्रक्रिया पर विचार-विमर्श किया गया। यह निर्णय लिया गया कि धान खरीदी के बाद फरवरी के दूसरे सप्ताह में नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के निर्णय पर सहमति बनी है। अंतिम निर्णय मंत्रिपरिषद् की बैठक में तय होगा। मंत्रिमंडलीय उप समिति के सदस्यों ने शत-प्रतिशत धान के निराकरण के लिए अपने-अपने सुझाव भी दिए।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयाल बघेल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस खरीफ विपणन वर्ष में लगभग 160 से 165 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन संभावित है। भारत सरकार से प्राप्त केन्द्रीय पूल में 70 लाख मीट्रिक टन चावल एवं नागरिक आपूर्ति निगम के राज्य पूल लक्ष्य में 14 लाख मीट्रिक टन चावल जमा किया जाना है। इससे लगभग 125 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण संभव होगा। वहीं लगभग 40 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण शेष रहेगा। जिसकी नीलामी कर निराकरण किया जाना है। बैठक में मंत्री-मंडलीय उप समिति के सदस्य कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन तथा सहकारिता मंत्री केदार कश्यप और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल शामिल हुए।