अंबेडकर मुद्दे पर अमित शाह की सफाई: कहा- ‘कांग्रेस ने मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर दिखाया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर दिए अपने बयान पर सफाई दी। शाह ने एक दिन पहले राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के समापन के अवसर पर कांग्रेस पर संविधान और अंबेडकर विरोधी करार दिया था। इसके लिए उन्होंने बाबा साहेब को हासिये पर धकेलने वाले कई तथ्य प्रस्तुत किए। उनके बयान का एक हिस्सा सोशल मीडिया में वायरल हो गया। जिसमें वे कह रहे हैं कि अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर… करने वालों अगर इतनी बार राम का नाम लेते तो शायद 7 जन्म के लिए स्वर्ग मिल गया होता। कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।

‘कांग्रेस खुद अंबेडकर और संविधान विरोधी पार्टी’

  • शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- ‘कांग्रेस पार्टी ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। संसद में चर्चा तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए। मैं कांग्रेस के इस रवैये की कड़े शब्दों में निंदा करती हूं। कांग्रेस पार्टी संविधान, आरक्षण और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विरोधी है। कांग्रेस ने देश की सेना और न्याय व्यवस्था का अपमान किया है।’
  • ‘देश की भूमि को दूसरों को दे दिया, आपातकाल लागू कर दिया। कांग्रेस ने बाबा साहेब को हासिये पर धकेलने का काम किया। जब 1954 में चुनाव हुआ तो कांग्रेस ने उन्हें हराने के लिए साजिश के तहत कोई कसर नहीं छोड़ी। जहां 1955 में नेहरू और 1971 में इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न दे दिया। लेकिन बाबा साहेब 1990 तक इंतजार करते रहे। कांग्रेस बाबा साहेब को भारत रत्न देने के खिलाफ थी।’

‘सच सामने आया तो कांग्रेस भ्रम फैलाने लगी’
अमित शाह ने पंडित नेहरू के एक पत्र के हवाले से कहा कि जब उन्हें पता चला कि बाबा साहेब कैबिनेट से इस्तीफे का मन बना रहे हैं तो उन्होंने कहा था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। अब सच सबके सामने आया है तो कांग्रेस भ्रम फैलाने लगी है। कांग्रेस जब तक सत्ता में रही डॉ. अंबेडकर का कोई स्मारक नहीं बना, फिर जहां-जहां विपक्ष की सरकारें आती गईं, ये स्मारक बनते गए।

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