World Chess Championship: 18 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश शतरंज के सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन बन गए है। गुकेश सिंगापुर में विश्व शतरंज चैंपियनशिप के अंतिम गेम में डिंग लिरेन की गलती के बाद सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चैंपियन बने। यह गलती तब हुई जब टाईब्रेक की संभावना बहुत वास्तविक लग रही थी। डी गुकेश ने 14 बाजी के मैच की आखिरी क्लासिकल बाजी जीतकर डिंग लिरेन के 6.5 के मुकाबले जरूरी 7.5 अंक के साथ खिताब जीता। पांचवें घंटे में खेल तब खत्म हुआ जब डिंग लिरेन ने एक गलती की, जिसकी वजह से उन्हें गेम, मैच और ताज तीनों से हाथ धोना पड़ा।
मैच में एक ऐसा वक्त भी आया जब लग रहा था कि मैच टाईब्रेक की ओर बढ़ रहा है, लेकिन गुकेश ने अपनी कोशिश जारी रखी और डिंग लिरेन को हराने में सफल रहे। विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024 में डिंग लिरेन अधिकांश समय पर पीछे चल रहे थे। डी गुकेश को 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि का बड़ा हिस्सा मिलेगा।
वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद गुकेश ने कही ये बात
खिताब जीतने के बाद गुकेश ने कहा, ‘मैं पिछले 10 वर्षों से इस पल का सपना देख रहा था। मुझे खुशी है कि मेरा यह सपना पूरा हुआ। मैं थोड़ा भावुक हो गया था, क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी, लेकिन फिर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिला। मेरे लिए डिंग असली विश्व चैंपियन हैं। मुझे डिंग और उनकी टीम के लिए खेद है। मैं अपने प्रतिद्वंद्वी को धन्यवाद देना चाहूंगा।’
विश्वनाथन आनंद के क्लब में हुए शामिल
डी गुकेश यानी डोमराजू गुकेश पहले रूस के दिग्गज गैरी कास्पारोव सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन थे। गैरी कास्पारोव ने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 साल की उम्र में खिताब जीता था। गुकेश इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद विश्व खिताब के लिए चुनौती पेश करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे। वह दिग्गज विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय हैं। पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद ने अपना आखिरी खिताब 2013 में जीता था।