रायपुर। छत्तीसगढ़ में जोगी और जूदेव परिवार एक फिर आमने- सामने हो गए हैं। दोनों परिवारों की दूसरी पीढ़ी में सनातन पर लड़ाई छिड़ी हुई है। अमित जोगी ने खुद को सनातनी बताने हुए जूदेव परिवार की घर वापसी अभियान पर सवाल उठाते हुए कहा कि, हम जूदेव परिवार की तरह घर वापसी की भद्दी राजनीति नहीं करते हैं। इस पर जूदेव ने अमित को क्रिश्चियन बताते हुए घर वापसी का न्योता देते हुए कहा कि, पूर्वजों के प्रति जरा भी सहानुभूति है तो घर वापस आ जाओ।
प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए लिखा – अमित जोगी महोदय इतिहास साक्षी है अंग्रेज जिस मानसिकता के साथ भारत आये थे भारतीय शासकों को अगर मालूम होता कि वो पीठ पर छुरा घोपेंगे तो कदापि उन्हें भारत में व्यवसाय करने की इजाज़त नहीं मिलती। भारत देश क्रिश्चियनिटी से अछूता रहता। सेवा के बदले सौदा वाला चरित्र अब उजागर हो गया है बावजूद इसके हम सहिष्णु हैं और उन्हीं को घर वापस लाते हैं जो धर्मांतरित होकर ठगी के शिकार हुये हैं, हम धर्मातरण नहीं करवाते।
जूदेव ने जोगी को घर वापसी करने का दिया न्योता
प्रबल सिंह ने कहा कि, अपने को किस मुंह से सनातनी कहते हो। जब अपने ही सनातनी भाई जो ठगे गये उनको अपनाने से परहेज है ये तो कमाल है ! मेरे पिताजी ने पैर पखारकर उनका स्वागत किया तो परेशानी है। कैसे सनातनी हो भाई अगर जरा सा भी पूर्वजों के प्रति सम्मान हो तो आओ घरवापसी में शामिल हो जाओ पुरखे आशीर्वाद देंगे तुम्हें। ईश्वर करे मेरा संदेह गलत हो पर अपने से पूछना जरूर कि कहीं आप भी क्रिप्टो क्रिस्टिनियटी वाली भूमिका में तो नहीं हो अगर हो तो खुलकर आओ भाई शर्म कैसा !
हम राजनीतिक लाभ के लिए घर वापसी नहीं करते- अमित जोगी
मेरे पिता जी स्वर्गीय श्री अजीत जोगी ने मिशन स्कूल गौरेला, मेरी माता जी डॉ श्रीमती रेणु जोगी ने क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (CMC) बेल्लोर और मैंने स्वयं ऊटी के लॉरेंस स्कूल और दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की है। किंतु हम जूदेव परिवार की तरह, अपने निजी राजनीतिक लाभ के लिए, घर-वापसी की भद्दी राजनीति नहीं करते हैं। बेशक, हमारा परिवार सनातनी था, है, और आगे भी रहेगा किंतु सनातन हमको बौद्ध, जैन, ईसाई, मुसलमान, सतनामी या कोई अन्य पंथ में जाने से प्रतिबंधित नहीं करता है। क्योंकि किसी नाम से हम पुकारे, सबका ईश्वर एक ही है।
सबका ईश्वर एक यही सनातन मजबूती
सबका ईश्वर एक यही सनातन की सबसे बढ़ी मजबूती है और इसे संकीर्ण- हिंदुत्ववाद के नाम पर राजनीतिक रूप पर रोकना ताकि हिंदू के नाम पर भाजपा बहुसंख्यक समाज को अपना वोट बैंक बना सके उसकी सबसे बढ़ी कमजोरी सिद्ध होगी। प्रधान मंत्री मोदी जी, जो “अब की बार ट्रम्प सरकार” का नारा देने से थके नहीं, अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जी को बोलें कि मैं भारत में ईसाइयों को प्रचार करने से रोक रहा हूँ, तो किसकी पतलून पहले गीली होगी, यह आपको बताने की आवश्यकता नहीं है।