विधानसभा : डॉ. रमन सिंह ने उठाया राशन वितरण में गड़बड़ी का मुद्दा, कहा “500 से 600 करोड़ का हुआ घोटाला”

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राशन दुकानों द्वारा अनाज, शक्कर आवंटन का मामला उठाया। उन्होंने सदन में प्रश्न काल के दौरान कहा कि खाद्य विभाग का डाटा बेस और जिले के डाटा बेस में काफी अंतर है। 68 हजार मिट्रिक टन अतिशेष चावल स्टॉक में है। 68 हजार 230 टन चावल गायब है। 0४0 की रिपोर्ट का क्या हुआ?

डॉ. रमन सिंह के सवालों का जवाब देते हुए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, जितने बोगस राशनकार्ड बनते थे, आपके समय होता था। आपके फार्मूले से ही हम वितरण कर रहे हैं। हमने 3,392 राशन दुकानों का वेरिफिकेशन किया। वेरिफिकेशन के बाद 4952 दुकानों में करीब 44 हजार टन की गड़बड़ियां पाईं गई हैं। अब तक 3 प्रकरणों में एफआईआर की गई है। 6 दुकान निलंबित किए गए है और 40 दुकान निरस्त किए गए।

डॉ. रमन ने लगाया 500 से 600 करोड़ का घोटाला का आरोप

रमन सिंह ने 500 से 600 करोड़ का घोटाला का आरोप लगाया। नियम कहता है कि अतिशेष है, तो खाद्य निरीक्षक उसकी जांच कराकर उसका डाटा दुरुस्त करें। अधिकारी इसमें संलिप्त है, इसलिए विधानसभा की समिति से इसकी जांच की जाए। डॉ. सिंह के सवालों पर मंत्री अमरजीत ने कहा, 96 प्रतिशत लोगों को बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण के आधार पर अनाज का वितरण किया जा रहा है। कुछ दुकानों में ओवर स्टॉक है, उसे दुरुस्त किया जा रहा है। ये सिस्टम बीजेपी के कार्यकाल है। इस पर बीजेपी विधायकों ने आपत्ति करते हुए हंगामा किया।

अजय चंद्राकर ने कहा – हम गलत है, तो जांच कराइए

मंत्री के दिए गए सवाल पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा, सदन की कमेटी से जांच की जाए। इस मामले पर अजय चंद्राकर ने कहा, हम गलत है, तो जांच कराइए। मंत्री अमरजीत ने कहा, जांच कर रहे है, कोई नहीं बचेगा। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी विधायकों ने सदन में नारेबाजी की। आसंदी ने विपक्ष से कहा, आप मंत्री जी का उत्तर सुन लीजिए, भाजपा विधायक सदन में विधायकों की कमेटी से जांच की मांग पर अड़े।

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